इंडो चाइना में राष्ट्रवादी आंदोलन
1-उपनिवेशकारों के सभ्यता मिशन का क्या अर्थ था।
उपनिवेश कारों के सभ्यता मिशन का अर्थ उपनिवेश ओं में पश्चिमी विचार संस्कृति शिक्षा भाषा विज्ञान और अवधारणाओं को प्रचारित प्रसारित करना था
इसके लिए फ्रांसीसी ओं ने वियतनाम मैं बहुत से स्कूल स्थापित किए जहां विज्ञान दर्शन और फ्रेंच भाषा सिखाई जाति थी लेकिन इस मिशन में विपरीत प्रभाव डाला क्योंकि इसने वियतनामी संस्कृति को चलते हुए हैं उस पश्चिमी संस्कृति को प्रसारित किया जिसका उपनिवेश कार प्राइस मजाक उड़ाया करते थे।

2-शुरुआती इतिहास
आधुनिक वियतनाम, लाओस और कम्बोडिया के इलाकों को इंडो चीन कहा जाता है। प्राचीन काल में यहाँ के लोग अलग-अलग समूहों में बँटे हुए थे और चीन के शक्तिशाली साम्राज्य की छत्रछाया में रहते थे। जब स्वतंत्र राष्ट्रों का निर्माण हो गया तब भी यहाँ के शासक चीन की पुरातन संस्कृति का अनुसरण करते रहे और वहाँ की प्रशासन पद्धति को अपनाते रहे।

वियतनाम उस सिल्क रूट से भी जुड़ा हुआ था जो जल मार्ग से होकर जाता था। इस कारण से यहाँ सदियों से माल, लोग और विचार आयातित होते रहे। व्यापार के अन्य रास्तों से यह अंदर के इलाकों से भी जुड़ा हुआ था जहाँ गैर वियतनामी लोग रहते थे; जैसे कि ख्मेर कम्बोडियन।
3-फ्रांस के लिए उपनिवेश का क्या मतलब है।
यूरोप की शक्तियों को प्राकृतिक संसाधनों और अन्य चीजों की मांग को पूरा करने के लिये उपनिवेश की जरूरत होने लगी। यूरोपीय शक्तियों का यह भी मानना था कि पिछड़े लोगों को सुधारना उनकी जिम्मेदारी थी क्योंकि वे ‘विकसित’ थे।
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फ्रांसीसियों ने मेकांग डेल्टा की जमीन को सींचने के लिये नहर बनाने शुरु कर दिये ताकि फसल की पैदावार बढ़ाई जा सके। इससे चावल की पैदावार बढ़ाने में काफी मदद मिली। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है।

कि 1900 में कुल 274,000 हेक्टेअर जमीन पर चावल की खेती होती थी जो 1930 में बढ़कर 11 लाख हेक्टेअर हो गई। 1931 आते-आते वियतनाम से धान की कुल उपज का दो तिहाई हिस्सा निर्यात होने लगा। इस तरह से वियतनाम धान निर्यात करने वाला दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया था।
उसके बाद वहाँ पर आधारभूत सुविधाओं को बनाने का काम शुरु हुआ। सामान और सैनिकों को आसानी से लाने ले जाने के लिये यह जरूरी था। फ्रांसीसियों ने एक सकल इंडो चीन रेल तंत्र पर काम शुरु किया।
चीन में युन्नान से आखिरी रेल लिंक 1910 में बनकर पूरा हुआ। एक दूसरी लाइन बनाई गई जो वियतनाम को सियाम से जोड़ती थी। थाइलैंड का पुराना नाम सियाम है।
4-क्या उपनिवेश को विकसित करना चाहिए।
पॉल बर्नार्ड एक जाने माने फ्रांसीसी विचारक थे; जिनका मानना था कि वियतनाम के लोगों को खुशहाल बनाने के लिये मूलभूत सुविधाओं का निर्माण जरूरी था। यदि लोग खुशहाल होते तो फ्रांस के व्यवसाय के लिये बेहतर बाजार का निर्माण हो सकता था। उन्होंने खेती की पैदावार बढ़ाने के लिये भू-सुधार पर भी बल दिया।
उस दौरान वियतनाम की अर्थव्यवस्था मुख्य रुप से धान और रबर की खेती पर निर्भर करती थी। इन्हीं क्षेत्रों को और सुविधा मुहैया कराने के लिए रेल और बंदरगाहों का निर्माण किया गया। लेकिन वियतनाम की अर्थव्यवस्था के औद्योगिकरण के लिए फ्रांसीसियों ने कुछ भी नहीं किया।
5-आधुनिक होने का मतलब
वियतनाम के संभ्रांत लोगों पर चीनी संस्कृति का गहरा प्रभाव था, जिसे कम करना फ्रांसीसियों के लिये महत्वपूर्ण था। योजनाबद्ध तरीके से पुरानी शिक्षा पद्धति को तहस नहस किया गया।
और उसकी जगह नई शिक्षा पद्धति को जमाने की कोशिश की गई। लेकिन संभ्रांत लोगों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली चीनी भाषा को उखाड़ फेंकना बहुत मुश्किल साबित हो रहा था।
कुछ फ्रांसीसी नीति निर्माता चाहते थे कि पढ़ाई का मीडियम फ्रेंच हो, जिससे एक ऐसा एशियाई फ्रांस बने जिसके तार यूरोप के फ्रांस से मजबूती से जुड़े हों। कुछ अन्य विचारकों का मानना था कि निचली कक्षाओं में वियतनामी भाषा और ऊँची कक्षाओं में फ्रेंच भाषा पढ़ाई जाये। फ्रेंच भाषा और फ्रेंच संस्कृति में महारत हासिल करने वाले के लिए फ्रांस की नागरिकता का प्रावधान भी रखा गया।
लेकिन फ्रेंच क्लास की फाइनल परीक्षा में छात्रों को जानबूझकर फेल कर दिया जाता था। ऐसा इस उद्देश्य से किया जाता था कि स्थानीय लोग अच्छी तनख्वाह वाली नौकरियों के लिए आगे न आ पाएँ। स्कूल की किताबों में फ्रेंच संस्कृति का गुणगान किया जाता था, उपनिवेशी शासन को उचित बताया जाता था, और वियतनामियों को पिछड़ा दिखाया जाता था।
फ्रांसीसियों के मुताबिक पश्चिमी संस्कृति की नकल करना ही आधुनिक होने का मतलब था। वियतनाम के पुरुष लंबे बाल रखते थे जबकि फ्रेंच शासक छोटे बालों को बढ़ावा देते थे।
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