1-जीवाश्म-
प्राचीन काल जीवो के अवशेष जो आदिकाल में पृथ्वी पर रहते थे बाद में विलुप्त हो गए जो भूपटल की चट्टानों में परिक्षित मिलते हैं जीवाश्म कहलाते हैं।

जीवाश्म की आयु के निर्धारण हेतु तल छठी चट्टानों के अस्त्रों की आयु का निर्धारण किया जाता है जिसमें जीवाश्म मिलते हैं। आयु का निर्धारण चट्टानों में उपस्थित रेडियोधर्मी तत्वो और इनके रेडियोधर्मिता वाहिनी समस्थानिक तत्वों की अनुपात से किया जाता है जीवाश्म के आधार पर युगो युगो से जैव विकास की एक स्थूल रूपरेखा तैयार की गई है जीवाश्म के अध्ययन से निम्नलिखित तथ्य प्रकट होते हैं।
1-पृथ्वी पर आदिकाल से आधुनिक काल तक जीवन में निरंतर परिवर्तन होता रहा है
2-आधुनिक जीवो से प्राचीन काली जीवधारी भिन थे।
3-ऐसी पर जातियों का ज्ञान होता है जो कभी जीवित थी परंतु अब विलुप्त हो गई है
4-ऐसे अनेक जीव धारियों के जीवाश्म प्राप्त हुए हैं जिनमें दो वर्गों या संघों के लक्षण पाए जाते हैं इसमें यह ज्ञात होता है कि किस प्रकार के जीव धारियों से कौन से जीवधारी विकसित हुई हैं
5-आवृतबीजी पौधे और इस स्तनी वर्ग के प्राणी पृथ्वी पर सबसे अधिक विकसित जीवधारी है।
6-जीवाश्म की आयु अथवा चट्टानों के विभिन्न स्त्रों से प्राप्त जीवाश्म से जीव धारियों के भौतिक समय का ज्ञान होता है