
तुलसीदास-तुलसीदास का परिचय
1-तुलसीदास का जन्म स्थल
तुलसीदास का जन्म उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के राजापुर गांव में 1532 में हुआ था कुछ विद्वान उनका जन्म स्थान सोरों जिला भी मानते हैं। तुलसीदास का बचपन बहुत संघर्षपूर्ण था। जीवन के प्रारंभिक वर्षों में ही माता-पिता ने उनका बिछोह हो गया।कहा जाता है कि गुरु कृपा से उन्हें राम भक्ति का मार्ग मिला वह मानव मूल्यों के उपासक कवि थे।
राम भक्ति परंपरा में तुलसी अतुलनीय है रामचरितमानस कवि की अन्य राम भक्ति और उनके सृजनात्मक कौशल का मनोरंजन उदाहरण है उनके राम माननीय मर्यादाओं और आदर्शों के प्रतीक हैं जिनके माध्यम से तुलसीदास ने नीति स्नेहा सील विनय त्याग जैसे उदास आदर्शों को प्रतिष्ठित किया।
2-तुलसीदास की प्रमुख पुस्तकें
रामचरितमानस उत्तरी भारत की जनता के बीच बहुत लोकप्रिय है मानस के अलावा कवितावली गीतावली देहा दोहावली कृष्ण गीतावली विनय पत्रिका आदि उनकी प्रमुख रचनाएं हैं।
अवधी और ब्रज दोनों भाषाओं पर उनका सम्मान अधिकार था सन 1683 में काशी में उनका देहावसान हुआ तुलसी ने रामचरितमानस की रचना अवधि में और विनय पत्रिका तथा और कवितावली की रचना ब्रज भाषा में कि उस समय प्रचलित सभी काव्य रूपों को तुलसी की रचनाओं में देखा जा सकता है रामचरितमानस का मुख्य छंद चौपाई है तथा बीच-बीच में दोहे सोरठे हरिगीतिका तथा अन्य चंद पिरोए गई है।
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विनय पत्रिका की रचना गया पदों में हुई है कवितावली में सवैया और कविता छंद की छटा देखी जा सकती है उनकी रचनाओं में प्रबंध और मुक्तक दोनों प्रकार के कवि का उत्कृष्ट रूप है
यहां अंश रामचरितमानस के बालकांड से लिया गया है सीता स्वयंवर में राम द्वारा शिव धनुष भंग के बाद मुनि परशुराम को जब यह समाचार मिला तो वह क्रोधित होकर वहां आते हैं शिव धनुष को खंडित देखकर वह अपने से बाहर हो जाते हैं राम के बिना और विश्वामित्र के समझाने पर तथा राम की शक्ति की परीक्षा लेकर अंत तक उनका गुस्सा शांत हो जाता है इस बीच राम लक्ष्मण और परशुराम के बीच जो संवाद हुआ था उस प्रसंग को यहां पर स्तुति किया गया है।
1-तुलसीदास का जन्म कब हुआ।
1532
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3-तुलसीदास का निधन कब हुआ।
1683
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