धर्मनिरपेक्ष देश बनाने संबंधी प्रावधान-
संविधान द्वारा भारत को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाया गया है भारत को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाने संबंधी दो प्रावधान निम्नलिखित हैं
1-राष्ट्रीय का कोई धर्म नहीं-
भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र होने के कारण इसका अपना कोई निजी धर्म नहीं है धर्मनिरपेक्ष होना विधर्मी अथवा धर्म विरोधी राष्ट्र होना नहीं है धर्मनिरपेक्ष देश में अनेक प्रकार के धर्म तथा पंथो का अस्तित्व होता है भारत में किसी धर्म को राजकीय धर्म के रूप में मान्यता प्रदान की है

2-धार्मिक स्वतंत्रता-
हमारा संविधान भारत के प्रत्येक नागरिक को अंत करण की स्वतंत्रता के आधार पर किसी भी धर्म को पालन करने धर्म को परिवर्तित करने तथा धर्म के प्रचार करने के पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान करता है।
संविधान में मौलिक अधिकारों के अध्याय मैं अनुच्छेद 25 से 28 तक धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का वर्णन मिलता है राज्य धार्मिक संभव तथा धार्मिक सही को प्रोत्साहित करता है राज्य किसी भी धार्मिक मामले में हस्तक्षेप नहीं करता है संविधान धर्म के आधार पर किए जाने वाले किसी भी प्रकार के भेदभाव को अवैधानिक घोषित करता है
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