1-निर्धनता का अर्थ-
सरल शब्दों में निर्धनता वह सामाजिक परिदृश्य है जिसमें समाज का एक अंग जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ होता है । तथापि, जब समाज का एक बड़ा भाग जीवन की न्यूनतम आवश्यकताओं से वंचित रहता है तथा केवल निर्वाह के स्तर पर जीवित रहता है तो समाज सामूहिक निर्धनता की स्थिति में होता है ।

2-निर्धनता क्या है-
निर्धनता एक विश्वव्यापी समस्या है यद्यपि विकासशील देशों में निर्धनता अधिक गम्भीर समस्या है लेकिन विकसित देशों में भी निर्धनता है।
न्यूयार्क विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र प्राध्यापक सुश्री एडवर्ड वुल्फ के अनुसार विकसित देशों की दृष्टि से सम्पत्ति और आय की असमानताएँ संयुक्त राज्य अमेरिका में सर्वाधिक हैं जहाँ 1995 में सर्वाधिक धनी 20 प्रतिशत जनसंख्या की प्रति व्यक्ति वार्षिक आय 55,000 डाॅलर और सर्वाधिक निर्धन 20 प्रतिशत जनसंख्या की प्रति व्यक्ति वार्षिक आय 5000 डॉलर थी।
वर्ष 1991 में संयुक्त राज्य अमेरिका में 3 करोड़ 57 लाख व्यक्ति गरीबी रेखा से नीचे थे और 10 प्रतिशत जनसंख्या से अधिक आबादी आज गरीबी रेखा से नीचे है।
भारत में स्वाधीनता के बाद से ही निर्धनता गम्भीर समस्या बनी हुई है क्योंकि इनकी संख्या निरन्तर बढ़ रही है। योजना आयोग के विशेषज्ञ दल के अनुसार 1994-95 में देश की 39.6 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे थी। यह एक विडम्बना है कि स्वाधीनता के समय की भारत की जनसंख्या से अधिक आबादी आज गरीबी रेखा से नीचे है।

3-निर्धनता दूर करने के उपाय-
(1) आर्थिक विकास की व्यूह रचना में परिवर्तन – भारत में आर्थिक विकास का लाभ अपेक्षाकृत बड़े कृषकों व उद्योग पतियों को मिला है अतः आवश्यकता इस बात की है कि छोटे व सीमांत कृषकों को सुविधाएं प्रदान की जाएं तथा कुटीर उद्योगों का विकास किया जाए उपभोक्ता उद्योग तथा कृषि पर आधारित उद्योगों के विकास को प्राथमिकता प्रदान की जाए क्योंकि इन उद्योगों में पूंजी लगाकर अधिक लोगों को रोजगार दिया जा सकता है |
(2) भूमि सुधार कार्यक्रम – निर्धनता को दूर करने के लिए भूमि सुधार कार्यक्रमों को लागू किया जाए कृषि योग्य बनाई जाने वाली भूमि एवं जोतो की सीमा बंदी के अंतर्गत उपलब्ध होने वाली अतिरिक्त भूमि निर्धनों में वितरित की जाए इससे निर्धनों की आय बढ़ेगी वह उनका जीवन स्तर ऊंचा होगा |
(3) सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था – यह आवश्यक है कि देश में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक सुरक्षा से संबंधित सेवाओं की समुचित व्यवस्था की जाए इसके लिए अस्पताल पीने के लिए जल आवश्यक उपभोग की वस्तुएं सस्ती दर पर उपलब्ध कराई जाए शिक्षा परिवार नियोजन सुविधा की व्यवस्था की जाए |
(4) रोजगार में वृद्धि –निर्धनता को दूर करने के लिए कृषि भिन्न एवं लघु उद्योग धंधों का विकास किया जाए जिससे पूर्ण व आंशिक बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा तथा उनकी निर्धनता दूर होगी |
(5) कीमत वृद्धि पर नियंत्रण – सरकार विभिन्न मौद्रिक एवं राज कोसी उपायों द्वारा वस्तुओं की कीमतों में तेजी से वृद्धि को रोके इससे निर्धन लोगों की क्रय शक्ति में वृद्धि होगी तथा वह निर्धनता की रेखा से ऊपर निकलेंगे |
(6) उत्तराधिकार कानूनों में परिवर्तन – सरकार उत्तराधिकार कानूनों में परिवर्तन करके जोतो को अनार्थिक होने से रोक सकती है इससे कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी तथा निर्धनता रोकने में मदद मिलेगी |
(7) आवास सुविधा – निर्धनों के लिए आवास का प्रबंध किया जाए इसके लिए इन्हें मकान बनाने हेतु जमीन, वस्तुएं तथा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं |

(8) परिवार नियोजन कार्यक्रमों पर जोर – सामान्यतः निर्धन वर्ग के लोगों के यहां बच्चों की संख्या अधिक होती है तथा परिवार का भार अधिक होता है अतः इनकी निर्धनता को तभी दूर किया जा सकता है जबकि यह छोटे परिवार के महत्व को समझें इसके लिए देश में परिवार नियोजन कार्यक्रमों पर जोर देने की आवश्यकता है |
9-उत्पादन तकनीक-उत्पादन तकनीक में आवश्यक परिवर्तन किए जाएं
10-विकास की गति-विकास की गति को तेज किया जाए इससे रोजगार के अधिक अवसर सर जी होंगे और निर्धनता से कमी आएगी।