1-पदार्थ की परिभाषा-
ऐसा कुछ भी जिसमें घनत्व होता है, जो स्थान घेरती है और जिसे हम एक या एक से अधिक इंद्रियों द्वारा महसूस कर पाते हैं, वह पदार्थ (Matter) कहलाता है।
उदाहरण के लिए -हवा और पानी ; हाइड्रोजन और ऑक्सीजन; चीनी और रेत; चांदी और स्टील; लोहे और लकड़ी; बर्फ और शराब; दूध और तेल; कार्बन डाइऑक्साइड और भाप; कार्बन और सल्फर; चट्टानों और खनिज आदि। ये विभिन्न प्रकार के पदार्थ है जिनके पास मास, आयतन है और जो स्थान घेरते हैं। वे ठोस, तरल, गैस और प्लाज्मा के रूप में मौजूद होते है।

2-भौतिक वर्गीकरण:-
भौतिक वर्गीकरण तीन प्रकार से किया है।
1. ठोस salid
2.द्रव liquid
3.गैस gas
. ठोस (salid) : पदार्थ की बह भौतिक अवस्था जिसका आकार तथा आयतन दोनों निश्चित हो ठोस कहलाता है।उदाहरण जैसे लोहे की छड़,लकड़ी की कुर्सी ,बर्फ का टुकड़ा
2.द्रव (liquid) :- पदार्थ की बहुत था जिसका आकार अनिश्चित एवं आयतन निश्चित हो द्रव कहलाता है
उदाहरण जैसे पानी, अल्कोहल ,मिट्टी का तेल आदि
3.गैस gas :-बाजार की बह भौतिक अवस्था जिसमें आकार एवं आयतन दोनों ही अनिश्चित हो गैस कहलाता हे उदाहरण हवा ,ऑक्सीजन, पदार्थ

2-पदार्थ के कण एक दूसरे को आकर्षित करते हैं –
पदार्थ के कणों के बीच एक बल कार्य करता है जो पदार्थ के कणों को एक साथ जोड़े रखता है। पदार्थ के कणों के बीच यह आकर्षण बल का सामर्थ्य अलग अलग पदार्थों में अलग अलग होता है।
कुछ पदार्थों के कणों के बीच का यह आकर्षण बल काफी अधिक होता है तथा कुछ पदार्थों के कणों के बीच यह आकर्षण बल काफी कम होता है।
पदार्थ उनके कणों के बीच के आकर्षण बल के मजबूत या कमजोर होने के कारण ही कठोर या मुलायम होते हैं।
यथा लोहा काफी कठोर होता है, जबकि एक चॉक (खड़िया) का टुकड़ा कठोर नहीं होता। लोहे के टुकड़े को तोड़ने में काफी बल लगाना पड़ता है, जबकि एक चॉक के टुकड़े को आसानी से तोड़ा जा सकता है। ऐसा इसलिये होता है कि लोहे के कणों के बीच का आकर्षण बल काफी मजबूत तथा चॉक के कणों के बीच का आकर्षण बल काफी कमजोर होता है।
3-पदार्थ के ये कण कितने छोटे हैं ?
पदार्थ के ये कण इतने सूक्ष्म हैं कि इन्हें नंगी आखों से नहीं देखा जा सकता है।
जब डिटॉल की कुछ बूंदों को एक ग्लास पानी में डाला जाता है, तो वह पूरे पानी को दुधिया रंग में बदल देता है, यह क्रिया यह बतलाती है कि पदार्थ अति सूक्ष्म कणों से बने हैं।

4-पदार्थ का भौतिक स्वरूप –
सभी पदार्थ छोटे-छोटे कणों से मिलकर बने हैं। ये कण इतने छोटे हैं कि इन्हें नंगी आँखों से नहीं देखा जा सकता। पदार्थ के छोटे-छोटे कणों से बने होने की सत्यता को कुछ छोटे क्रियाकलापों द्वारा परखा जा सकता है, जैसे कि जब नमक या चीनी को पानी में घोला जाता है, तो वे पानी में विलीन हो जाते हैं।
यह क्रियाकलाप बतलाता है कि पदार्थ छोटे-छोटे कणों से मिलकर बना है।