
प्रकाश के अपवर्तन से क्या तात्पर्य है-
1-परिभाषा :
जब प्रकाश की किरण किसी पारदर्शी माध्यम में गति करती है तो प्रकाश का गमन एक सीधी रेखा के रूप में होता है।
लेकिन जब प्रकाश एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे पारदर्शी माध्यम में गमन करता है तो दोनों माध्यमों को पृथक करने वाले अन्तरापृष्ठ पर किरण (प्रकाश) का पथ परिवर्तित हो जाता है।

प्रकाश की किरण या तो अभिलम्ब की तरफ झुक जाती है या अभिलम्ब से दूर हट जाती है , प्रकाश की इस घटना को “प्रकाश का अपवर्तन” कहते है।
सीधे शब्दों में कह सकते है की –
जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में गति करता है तो प्रकाश का पथ विचलित हो जाता है इस घटना को प्रकाश का अपवर्तन कहते है।
2-अपवर्तन के निम्न दो नियम है –
1. आपतित किरण , अपवर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब सभी एक ही तल में होते है।
2. किन्ही दो माध्यमों के लिए आपतन कोण की ज्या (sin i) तथा अपवर्तन कोण की ज्या (sin r) का अनुपात नियत रहता है। इस नियत अनुपात को स्नेल का नियम कहते है।
माना कोई प्रकाश की किरण i कोण पर आपतित हो रही है तथा अपवर्तन के बाद इसका अपवर्तन कोण r हो जाता है तो स्नेल के नियमानुसार

3-अपवर्तनांक (Refractive Index)
प्रकाश के किरणों का किन्हीं दो माध्यमों के युग्म (pair of two medium) के लिए होने वाले दिशा परिवर्तन के विस्तार को अपवर्तनांक (refractive index) के रूप में व्यक्त किया जाता है।
इन्हें भी पढ़ें:-प्रकाश का अपवर्तन क्या है? | परिभाषा, नियम | स्नेल का नियम
दूसरे शब्दों में प्रकाश के किरणों का किसी दो माध्यम के युग्म के लिए आपतन कोण की ज्या तथा अवर्तन कोण की ज्या का अनुपात अपवर्तनांक कहलाता है।
4-अपवर्तनांक तथा प्रकाश की गति
अपवर्तनांक का मान किसी दो माध्यम के युग्म में प्रकाश की सापेक्ष गति को दिखलाता है। प्रकाश की गति अलग अलग माध्यम में अलग अलग होती है। निर्वात (vacuum) में प्रकाश की गति 3×108 m/s3×108 m/s है, जो कि अधिकतम है तथा हवा में प्रकाश की गति निर्वात में प्रकाश की गति से थोड़ा कम है।
प्रकाश की गति अपेक्षाकृत सघन माध्यम (denser medium) में विरल माध्यम (rare medium) के कम होती है।