1-प्राकृतिक संसाधन किसे कहते हैं-
वे संसाधन जो हमें प्रकृति की ओर से निशुल्क प्राप्त होता है प्राकृतिक संसाधन कहलाता है।
2-प्राकृतिक संसाधनों के प्रकार
हालांकि प्रत्येक प्राकृतिक संसाधन की विशेषताएँ और उनके उपयोग एक दूसरे से अलग होते हैं, इसलिए इन्हें दो व्यापक श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, जिन्हें नवीकरणीय तथा अनवीकरणीय प्राकृतिक संसाधन कहते हैं। आइये इन्हें यहां विस्तार से देखें:

3-नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधन:-
नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधन, जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि वे स्वाभाविक रूप से नवीनीकृत किए जा सकते हैं और बार-बार उपयोग में लाये जा सकते हैं, जैसे पानी, सौर ऊर्जा, लकड़ी, बायोमास, वायु और मिट्टी इत्यादि इस श्रेणी के अन्तरगत आते है। हालांकि इनमें से कई संसाधन जैसे पानी, वायु और सूरज की रोशनी आसानी से नवीकरणीय किये जा सकते है, परंतु लकड़ी और मिट्टी जैसे कुछ प्राकृतिक संसाधनों को नवीनीकृत करने में समय लगता है। नवीकरणीय संसाधनों को आगे जैविक और अजैविक में वर्गीकृत किया गया है।
जब नवीकरणीय संसाधन जानवरों और पौधों से उत्पन्न होते हैं तो इन्हें जैविक नवीकरणीय संसाधन कहा जाता है, वहीं जब नवीकरणीय संसाधन अजीवित चीजों से प्राप्त होते हैं, तो उन्हें अजैविक नवीकरणीय संसाधन कहा जाता है।

4-प्राकृतिक संसाधनों का वितरण
प्राकृतिक संसाधन पृथ्वी पर अनियमित ढ़ंग से वितरित किए जाते हैं। पृथ्वी के विभिन्न हिस्से, विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध हैं। कुछ स्थानों में सूरज की रोशनी की प्रचुर मात्रा प्राप्त की जाती है, जबकि वहीं कुछ स्थान ऐसे भी है जहाँ लोग अधिकतर सूरज की रोशनी से वंचित रहते है, उसी प्रकार, कुछ स्थानों पर जल निकाय अनेक हैं, तो कुछ क्षेत्र खनिज पदार्थों से भरे हुए हैं। ऐसे कई कारक हैं जो प्राकृतिक संसाधनों के असमान वितरण को प्रभावित करते हैं। जलवायु और भूमि इनके मुख्य कारकों में से एक हैं।
कुछ देश जिनमे प्राकृतिक संसाधनों के समृद्ध भंडार हैं, उनमें चीन, इराक, वेनेजुएला, रूस, सऊदी अरब, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और ब्राजील भी शामिल हैं। जो देश प्राकृतिक संसाधनों में समृद्ध हैं चलिए उन देशों के बारे में जानते हैं:-

5-प्राकृतिक संसाधनों के असमतल वितरण का प्रभाव
प्राकृतिक संसाधनों का यह असमतल वितरण अंतरराष्ट्रीय व्यापारों को मार्ग प्रदान करता है जिससे व्यवसायों को बढ़ावा मिलता है और दुनिया भर के विभिन्न देशों के आर्थिक विकास का दावा करता है जिन देशों में तेल, प्राकृतिक गैसों, खनिजों और अन्य प्राकृतिक संसाधन अधिक मात्रा में जमा होते है वो उनके विपरित जिनके पास इन संसाधनो की कमी होती हैं उनके साथ सत्ता खेलना शुरू कर देते है। इन्हीं कारणो की वजह से अमीर और अमीर तथा गरीब औऱ गरीब होते जा रहे हैं।