1-भारत में जनसंचार के माध्यम-
जनसंचार के माध्यम राष्ट्रीय कार्यक्रमों और नीतियों के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इससे लिए मुद्रण माध्यम और इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का उपयोग किया जाता है सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय देश में सूचना एवं प्रसारण के विकास तथा नियमन के लिए उत्तरदाई है इन साधनों के माध्यम से एक साथ बड़ी संख्या में लोगों को जानकारी या मनोरंजन प्राप्त होता है इसी कारण इन्हें जनसंचार का माध्यम कहा जाता है इसका विवरण निम्न लिखित है।

1-आकाशवाणी-
आकाशवाणी भजन हिताय बहुजन सुखाई के लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए कार्य करती है देश में रेडियो सीटों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो गई है एफएम सहित रेडियो सीटों की संख्या मैं वृद्धि एफएम सेवा की लोकप्रियता का संकेत है उपग्रह एवं केबल टेलीविजन के प्रसार के साथ-साथ बड़े नगरों में रेडियो श्रोताओं की संख्या में कमी आई है परंतु सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में रेडियो आज भी मनोरंजन एवं सूचना का एकमात्र स्रोत बना हुआ है।
2-दूरदर्शन-
भारत की राष्ट्रीय प्रचार सेवा विश्व के सबसे बड़े स्थानीय संगठनों में से एक है भारत सदृश विकासशील देश में दूरदर्शन का विशेष महत्व है सरकार ने इस तथ्य को भलीभांति समझा है कि सूचनाओं के संप्रेषण और जन समुदाय को शिक्षित करने में श्रव्य दृश्य माध्यम सर्वाधिक कारगर तथा सक्षम उपायों में से एक है दूरदर्शन द्वारा देश में विविध प्रकार के कार्यक्रमों के प्रसारण के लिए विभिन्न चैनलों का उपयोग किया जाता है।
3-मुद्रण-
भारत में प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में समाचार पत्रों तथा पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन होता है इनकी कुल संख्या लगभग 50000 है अवधि के आधार पर यह पत्रिकाएं विभिन्न प्रकार की हैं लगभग 100 भाषाओं में बोलियों मैं समाचार पत्र पत्रिकाएं हैं सर्वाधिक समाचार पत्र हिंदी भाषा में प्रकाशित किए जाते हैं इसके बाद अंग्रेजी का स्थान आता है।
4-चलचित्र-
संचार में भारत चल चित्रों का सबसे बड़ा उत्पादक देश है चल चित्रों की अतिरिक्त भारत में लघु फिल्में वीडियो फीचर फिल्में तथा वीडियो लघु फिल्में भी तैयार की जाती है भारतीय तथा विदेशी फिल्में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा प्रमाणित की जाती है तत्पश्चात हो उनका प्रसारण किया जाता है।