• Home
  • /
  • 10th class
  • /
  • science 10th
  • /
  • मनुष्य की लसीका तंत्र पर टिप्पणी लिखिए-
No ratings yet.

मनुष्य की लसीका तंत्र पर टिप्पणी लिखिए-

मनुष्य की लसीका तंत्र पर टिप्पणी लिखिए-

1-लसीका तंत्र-

सभी कशेरुकिओं मैं रुधिर परिसंचरण तंत्र के अतिरिक्त एक और तरल परिसंचरण तंत्र होता है जिसे लसीका परिसंचरण तंत्र कहते हैं। तरल को लसीका कहते हैं लसीका तंत्र का वाहिनी यों में प्रवाहित होता है। लसीका तंत्र लसीका कोशिकाओं लसीका वाहिनी लसीका गाठो तथा लसीका अंगों से बना होता है‌।

मनुष्य की लसीका तंत्र पर टिप्पणी लिखिए-
मनुष्य की लसीका तंत्र पर टिप्पणी लिखिए-

1-लसीका के केशिकाए

यहां अंगों में पाया जाने वाला महीन नलिकाओं का जाल है उनकी अंतिम शाखाओं को आखिर वाहिनी या कहते हैं-

2-लसीका वाहिनीया-

लसीका कोशिकाएं परस्पर मिलकर लसीका बनाती है यह रचना में शिराओं के समान होती है।

3-लसीका गांठे-

लसीका वाहिनी या कुछ अफसाना पर फुल कर लसीका गान बनाती है।

4-लसीका अंग-

थाइमस ग्रंथि, टांसिल, आदि लसीका अंग है।

2-लसीका तंत्र के कार्य-

लसीका तंत्र के मुख्य कार्य निम्नलिखित है

1-रुधिर केशिकाए-रुधिर कोशिकाओं से प्लाज्मा तथा श्वेत रुधिर कणिकााएं छनकर उत्तक में पहुंच जाती है यह छना हुआ तरह लसीका कहलाता है लसीका तंत्र द्वारा यह तरल वापस रुधिर में पहुंच जाता है।

2-लसीका अंगों-लसीका अंगों में वह गांठो मैं लिंफोसाइट्स का होता है।

3-लसीका अंगों-लसीका अंगो लसीका गाठो में एंटीबॉडी या प्रतिरक्षी का निर्माण होता है जो प्रतिरक्षा तंत्र के मुख्य भाग हैं वह प्रति रक्षण में भाग लेते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *