सन 1917 में रूस में जारशाही को समाप्त करने के लिए निम्नलिखित परिस्थितियां उत्तरदाई थी-
- रूस का जार निकोलस द्वितीय बड़ा निरंकुश और राजा के देवी अधिकारों का समर्थक था। उसने रूसी जनता की उदारवादी भावनाओं को कुचलने के लिए कठोर नीति अपनाई। जार शाही की दमनकारी नीति के कारण रूस की जनता में भीषण असंतोष व्याप्त था।
- रूस का ऑर्थोडॉक्स चर्च जार की निरंकुशता का पोषक था। चर्च का पादरी जार की निरंकुशता एवं स्वेच्छाचारी सत्ता का समर्थक था। चर्च का अनुचित प्रभाव जनता के कष्टों का मुख्य कारण था।
- सन 1905 की क्रांति का रूसी लोगों पर बहुत प्रभाव पड़ा। जबकि जार ने एक निर्वाचित सलाहकार पार्लियामेंट के निर्माण की घोषणा की, परंतु उसने उसे कार्य करने की आज्ञा प्रदान नहीं की।
- जार ने रूस को प्रथम विश्वयुद्ध में धकेल दिया। फरवरी 1917 ईस्वी तक लगभग 7 लाख सैनिक युद्ध में मारे जा चुके थे। युद्ध के समय उत्पादन की कमी हो गई, जिसने रूस में आर्थिक संकट को जन्म दिया।
- जार ने प्रथम विश्वयुद्ध में रूसी सेना की शक्ति बढ़ाने के लिए किसानों तथा श्रमिकों को जबरदस्ती सेना में भर्ती किया जिससे लोगों में असंतोष की भावना बढ़ी।
- रूस में अनाज की कमी क्रांति कहां तत्कालीन कारण बन गई। इसका आरंभ 7 मार्च 1917 को ब्रेड खरीदने का प्रयत्न करती श्रमिक वर्ग की महिलाओं द्वारा आंदोलन के साथ हुआ। इसके पश्चात श्रमिकों द्वारा आम हड़ताल प्रारंभ हुई।
- Read more – वनस्पति जगत तथा प्राणी जगत में अंतर बताइए।
- Read more – असम में चाय की खेती की शुरुआत कब हुई।