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पृष्ठ अधिशोषण के बारे में

पृष्ठ अधिशोषण के बारे में

जब किसी पदार्थ गैस या द्रव की किसी ठोस की सतह पर संलग्न सांद्रता वाले स्थूल में उपस्थित सांद्रता की अपेक्षा अधिक होती है तब इस घटना को पृष्ठ अधिशोषण कहते हैं। यह एक पृष्ठीय घटना है जो कि किसी ठोस की सतह पर असंतुलित बलों की उपस्थिति के कारण होती है।

12th,Chemistry, Lesson-5

अधिशोषण और अवशोषण में अंतर

अधिशोषण एक पृष्ठीय घटना है जिसमें किसी द्रव या गैस की ठोस की सतह पर सांद्रता उसके स्थूल में उपस्थित सांद्रता से अधिक होती है जबकि अवशोषण एक ऐसी घटना है जिसमें एक पदार्थ के अणु दूसरे पदार्थ के स्थूल व सतह में समान रूप से वितरित रहते है।

पृष्ठ अधिशोषण के बारे में

उदाहरण के लिए कहे तो जब सिलिका जैल को जल वाष्प के पात्र में रखा जाता है तब सिलिका जैल वाष्पो का अधिशोषण करता है। इसके विपरीत जब निर्जल कैल्शियम क्लोराइड को जल वाष्प के पात्र में रखा जाता है तब जल वाष्पो का अवशोषण होता है, अर्थात जल वाष्प निर्जल कैल्शियम क्लोराइड में एक समान वितरित होकर CaCl₂. 2H₂O बनाते है। अवशोषण समान वेग से होता है जबकि अधिशोषण पहले तीव्रता से और बाद में धीरे-धीरे होता है।

वह ठोस पदार्थ जिसकी सतह पर अधिशोषण होता है अधिशोषक तथा अधिशोषित पदार्थ अधिशोष्य कहलाता है। अधिशोष्य पदार्थ के अधिशोषक पृष्ठ से विलग हो जाने की प्रक्रिया विशोषण कहलाती है।

अधिशोषण का कारण

अधिशोषण में किसी अधिशोक के केवल पृष्ठ कण ही सक्रिय भाग लेते है। इन कणों में विभिन्न प्रकार के असंतुलित या अप्रयुक्त बल, जैसे कि वाण्डर वाल्स बल तथा रासायनिक आबंध बल होते हैं। जैसे ही कोई ठोस दो नवीन सतहों को उत्पन्न करने के लिए दो भागों में खंडित किया जाता है, तो यह बल उत्पन्न हो जाते हैं।

प्रत्येक संपूर्ण टुकड़े के भीतरी भागों में प्रत्येक जगह उपलब्ध बल घटक कणों को परस्पर बांधने में प्रयुक्त होते हैं। अतः नवीन सतह उत्पन्न करने पर, कुछ बल गैसों तथा विलयनो के कणों पर क्रिया करके आकर्षित करने के लिए तथा उनको सतह पर रोकने के लिए स्वतंत्र रह जाते हैं। इस प्रकार अधिशोषण प्रक्रम घटित होता है।

अधिशोषण तथा अवशोषण का उदाहरण

यदि अमोनिया गैस को चारकोल के संपर्क में रखे तो हम देखेंगे कि अमोनिया गैस चारकोल द्वारा अवशोषित हो जाती है। दूसरी तरफ यदि अमोनिया गैस जल के संपर्क में है, तो जल द्वारा अमोनिया का अवशोषण होता है तथा समान सांद्रता का NH₄OH विलेन प्राप्त होता है।

अधिशोषण और अवशोषण में विभेद

अधिशोषणअवशोषण
1. यह एक पृष्ठीय प्रक्रिया है।यह संपूर्ण पदार्थ में समान रूप से होने वाली प्रक्रिया है।
2. द्रव या गैस की ठोस पदार्थ की सतह पर सांद्रता अन्य स्थानों से अधिक होती है।इसमें एक पदार्थ के अणु दूसरे पदार्थ के स्थूल तथा सतह में समान रूप से वितरित रहते हैं।
3. अधिशोषण की गति शुरू में अधिक ओर बाद में मंद होती है।अवशोषण समान वेग के साथ होता है।
4. अधिशोषण में किसी अधिशोषक के पृष्ठीय अणु या परमाणु ही सक्रिय भाग लेते हैं।अवशोषण में अवशोषक के सभी अणु या परमाणु भाग लेते हैं।

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