
भारत में जनसंचार के माध्यम क्या है?
जनसंचार के माध्यम-
राष्ट्रीय कार्यक्रमों और नीतियों के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके लिए मुद्रण माध्यम (समाचार-पत्र, पत्र-पत्रिकाएँ, पुस्तकें तथा फिल्में) और इलेक्ट्रॉनिक माध्यम (आकाशवाणी/रेडियो एवं दूरदर्शन) का उपयोग किया जाता है। सूचना एवं प्रसारण मन्त्रालय देश में सूचना एवं प्रसारण के विकास तथा नियमन के लिए उत्तरदायी है। इन साधनों के माध्यम से एक साथ बड़ी संख्या में लोगों को जानकारी या मनोरंजन प्राप्त होता है। इसी कारण इन्हें जनसंचार का माध्यम कहा जाता है। इनका विवरण निम्नलिखित है –
आकाशवाणी –
आकाशवाणी ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ के लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित करते हुए कार्य करती है। स्वतन्त्रता के बाद से आकाशवाणी दुनिया के सबसे बड़े प्रसारण नेटवर्कों में से एक बन गया है। वर्तमान में इसके 407 स्टेशन और 578 ट्रांसमीटर हैं। एफ एम पद्धति पर 402 स्थानीय रेडियो स्टेशन भी हैं। सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में रेडियो आज भी मनोरंजन एवं सूचना का एकमात्र स्रोत बना हुआ है।
दूरदर्शन –
भारत की राष्ट्रीय प्रसार सेवा विश्व के सबसे बड़े स्थानीय संगठनों में से एक है। भारत सदृश विकासशील देश में दूरदर्शन का विशेष महत्त्व है। सरकार ने इस तथ्य को भली-भाँति समझा है कि सूचनाओं के सम्प्रेषण और जन-समुदाय को शिक्षित करने में श्रव्य-दृश्य माध्यम सर्वाधिक कारगर तथा सक्षम उपायों में से एक है।
दूरदर्शन द्वारा देश में विविध प्रकार के कार्यक्रमों के प्रसारण के लिए विभिन्न चैनलों का उपयोग किया जाता है। देश में दूरदर्शन लगभग 15 करोड़ परिवारों में उपलब्ध हैं जबकि इसके अतिरिक्त लगभग 80% परिवार उपग्रहों से प्रसारित कार्यक्रमों को देखते हैं। संख्या की दृष्टि से राष्ट्रीय दूरदर्शन के दर्शकों की संख्या केबिल दर्शकों से कहीं कम है।
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मुद्रण –
भारत में प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में समाचार-पत्रों तथा पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन होता है। इनकी कुल संख्या लगभग 70,000 है। अवधि के आधार पर ये पत्रिकाएँ विभिन्न प्रकार (दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक एवं मासिक) की हैं। लगभग 100 भाषाओं और बोलियों में समाचार पत्र-पत्रिकाएँ प्रकाशित होती हैं। सर्वाधिक समाचार-पत्र हिन्दी भाषा में प्रकाशित किए जाते हैं। इसके बाद अंग्रेजी भाषा का स्थान आता है।
चलचित्र –
संसार में भारत चलचित्रों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। चलचित्रों के अतिरिक्त भारत में लघु फिल्में, वीडियो फीचर फिल्में तथा वीडियो लघु फिल्में भी तैयार की जाती हैं। भारतीय तथा विदेशी फिल्में केन्द्रीय फिल्म प्रामाणिक बोर्ड द्वारा प्रमाणित की जाती हैं, तत्पश्चात् ही उनका प्रसारण किया जाता है।
Read more – व्यक्तिगत संचार और जनसंचार के साधन में अंतर।
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प्रश्न ओर अत्तर (FAQ)
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