संसाधन नियोजन क्या है?
संसाधनों का नियोजन वर्तमान एवं भावी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अत्यंत आवश्यक है। संसाधनों का दीर्घ अवधि तक उपयोग करने के लिए नियोजन एक सर्वमान्य रणनीति है। विशेष रूप से भारत जैसे देश में जहां संसाधनों की उपलब्धता में बहुत अधिक विविधता है वहां देश के संतुलित विकास के लिए प्रांतीय और स्थानीय स्तर पर संसाधन नियोजन की आवश्यकता और भी अधिक है।

संसाधन नियोजन एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें निम्नलिखित 3 सोपान महत्वपूर्ण माने जाते हैं-
- देश के विभिन्न प्रदेशों में संसाधनों की पहचान एवं आकलन करना। इस कार्य के लिए क्षेत्रीय सर्वेक्षण, मानचित्रण तथा गुणात्मक और मात्रात्मक मूल्यांकन किया जाता है।
- संसाधन विकास योजना लागू करने के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकी, कौशल तथा संस्थागत ढांचा तैयार करना।
- संसाधन विकास योजनाओं मैं राष्ट्रीय स्तर से स्थानीय स्तर तक समन्वय में स्थापित करना।
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