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भारतीय संविधान का निर्माण

भारतीय संविधान का निर्माण। | संविधान निर्माण क्यों अनिवार्य है?

ऐसा लेख पत्र या दस्तावेज जो सरकार की रुपरेखा व प्रमुख कृत्यों का निर्धारण करता है, इसे देश की सर्वोत्तम आधारभूत विधि कहा जा सकता है। यह वही दस्तावेज है, जो राज्य के समस्त अंगोँ (विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका) को शक्तियाँ प्रदान करता है। इन तीनो को संविधान की मर्यादाओं मेँ रहकर अपने कर्तव्योँ का निर्वहन करना होता है। इसे आसानी से बदला नहीँ जा सकता है।

संविधान निर्माण क्यों अनिवार्य है? | Why do we need a constitution?

  1. लोकतंत्र शासन प्रणाली के लिए संविधान का होना अनिवार्य है।
  2. संविधान सरकार की शक्ति तथा सत्ता का स्रोत है।
  3. संविधान सरकार के अंगों में पारस्परिक संबंध तय करता है।
  4. संविधान से सरकार और नागरिक के संबंध निर्धारित होते हैं।
भारतीय संविधान का निर्माण
भारतीय संविधान का निर्माण

also Read: भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएं क्या है?

संविधान सभा का संगठन | Organization of the Constituent Assembly

1946 ईस्वी को कैबिनेट मिशन की योजना में इस बात पर अंग्रेजों ने विचार किया कि भारतीयों को भारतीय संविधान के निर्माण की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए,क्योंकि वही अपने देश की परिस्थितियों के अनुसार संविधान का निर्माण कर सकते हैं।

अतः शीघ्र ही संविधान सभा का गठन करने के उद्देश्य से अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचन कराए गए। निर्वाचन के आधार पर संविधान सभा की कुल 389 सदस्य चुने गए, जिनमें से 296 सदस्य प्रांतों का और 93 सदस्य भारतीय रियासतों का प्रतिनिधित्व करने वाले थे। बाद में पाकिस्तान के अलग होने पर 389 सदस्यों को संविधान निर्माण का कार्य सौंपा गया।

संविधान सभा का गठन किस प्रकार हुआ? | How was the Constituent Assembly formed?

15 अगस्त, 1947 ईस्वी को स्वतंत्र होने पर भारत के समक्ष संविधान के निर्माण की समस्या थी। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में एक संविधान निर्मात्री सभा का गठन किया गया, जिस की बैठक 9 दिसंबर 1996 को प्रारंभ हुई।भारतीय संविधान के निर्माण में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का विशेष योगदान रहा।

वे प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। 26 नवंबर 1950 ईस्वी को संविधान का कार्य पूरा हो गया तथा डॉ राजेंद्र प्रसाद के हस्ताक्षर के पश्चात 26 जनवरी 1950 ईस्वी कोई और संपूर्ण देश में लागू कर दिया गया। देश में संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य की स्थापना हमारे संविधान की महत्वपूर्ण विशेषता है।

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लोकतांत्रिक देशों में संविधान का महत्व अपेक्षाकृत क्यों अधिक होता है?

  1. लोकतंत्रात्मक देश की सरकार का निर्माण संविधान के प्रावधानों के अंतर्गत ही किया जाता है। निर्वाचित सरकार संविधान के अनुसार ही शासन व्यवस्था का संचालन करती है।
  2. लोकतांत्रिक देशों में नागरिकों को अनेक प्रकार के अधिकार तथा स्वतंत्रआय प्रदान की जाती है।
  3. लोकतांत्रिक सरकारों की शक्तियां तथा अधिकारियों को मर्यादित तथा नियंत्रित करने के लिए संविधान की आवश्यकता होती है।
  4. लोकतांत्रिक सरकारों के विभिन्न अंगों के अधिकार क्षेत्रों का वर्णन संविधान में कर लिया जाता है।

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