
रासायनिक बलगतिकी की परिभाषा
रासायनिक बलगतिकी की परिभाषा, रसायन शास्त्र की वह शाखा जिसके द्वारा अभिक्रियाओ की गतियो का मापन कर उनकी क्रियाविधि का अध्ययन किया जाता है। रासायनिक बलगतिकी कहलाते है।
12th, Chemistry, Lesson-4
रासायनिक बलगतिकी के प्रकार
अभिक्रिया की गति के आधार पर रासायनिक बलगतिकी अभिक्रिया को तीन भाग में बांटा जाता है।

तीव्र अभिक्रिया
वे अभिक्रिया जो अभिकारकों को मिलाने पर तुरंत पूर्ण हो जाती है। तीव्र अभिक्रिया कहलाती है। इन अभिक्रिया को पूर्ण होने में 10 से 16 या 10 से 14 सेकंड समय लगता है। अतः ये अभिक्रियाएं आयनिक प्रकृति की होती है।
मंद अभिक्रियाएं
वे अभिक्रियाएँ जिन्हें पूर्ण होने में बहुत अधिक समय लगता है। मंद अभिक्रिया कहलाती है। इन अभिक्रियाओं को पूर्ण होने में लगा समय ज्ञात कठिन होता है।
इन्हें भी पढ़ें:-सीबीएसई बोर्ड परीक्षा होगी क्या रद्द 2020
उदाहरण- सामान्य अवस्था में अमोनिया का बनना तथा लोहे पर जंग लगना।
सामान्य अभिक्रिया
वे अभिक्रिया जो सामान्य रूप से अर्थात जो न अधिक तीव्र वेग से और न ही मंद वेग से पूर्ण होती है, सामान्य अभिक्रिया कहलाती है। जैसे – H₂O₂ का नियोजन तथा एथिल एसीटेट
2H₂O₂ → 2H₂O + O₂
इन्हें भी पढ़ें:-साधारण वोल्टीय सेल क्या है? इसकी संरचना और क्रियाविधि
CH₃COOC₂H₅ + H₂Ov→ CH₃COOH + C₂H₅ OH
इन अभिक्रिया की गतियों का अध्ययन रासायनिक बलगतिकी के द्वारा ज्ञात किया जा सकता है।
अभिक्रिया की दर
किसी अभिक्रिया की दर अभिकारक अथवा क्रियाकारक की सांद्रता में होने वाले परिवर्तन की दर होती है। जैसे-जैसे समय बढ़ता जाता है अभिक्रिया की सांद्रता घटती जाती है। जबकि क्रियाकारक की सांद्रता बढ़ती जाती है।
इन्हें भी पढ़ें:-ओम का नियम इसकी परिभाषा और सत्यापन
अतः इकाई समय में अभिकारक या क्रियाकारक की सांद्रता में होने वाले परिवर्तन को अभिकारक की दर कहते है।
माना की कोई अभिक्रिया इस प्रकार होती है कि जिसमे A तथा B क्रियाकारको C तथा D उत्पाद बनाते है।
A + B क्रियाकारक → C + D उत्पाद
इन्हें भी पढ़ें:-अर्धचालक किसे कहते है, प्रकार (12th, Physics, Lesson-3)
समय के साथ A तथा B सांद्रता घट जाती है और C तथा D की सांद्रता में वृद्धि होती है।
अभिक्रिया की दर = A तथा B की मात्रा में कमी/समयान्तराल = ∆A/∆t = ⁻∆A/∆t
अभिक्रिया की दर = C/D की सांद्रता में/समयान्तराल = ⁺∆C/∆t = ⁺∆D/∆t
इन्हें भी पढ़ें:-अमीटर क्या है? तथा धारामापी का अमीटर में रूपांतरण
अतः उपरोक्त रासायनिक बलगतिकी के आधार पर अभिक्रिया को एक पद में निम्न प्रकार से व्यक्त किया जा सकता है।
अभिक्रिया की दर = ∆[A]/∆t = -∆[B]/∆t = +∆[C]/∆t = +∆[D]/∆t
यदि अभिक्रिया में अभिकारकों और क्रियाफलो की इस समीकरणमितीय में अंतर हो तो अभिकारक दर को बराबर करने के लिए, भाग लेने वाले अणुओं की संख्या का समीकरण में भाग देते है।
A + 2B → C + 3D
अभिक्रिया की दर = -∆[A]/∆t = -1/2 ∆[B]/∆t = +∆[C]/∆t = +1/3 ∆[D]/∆t
Read More–
- संक्षारण क्या होता है इसकी परिभाषा 12th, Chemistry, Lesson-3
- विद्युत रासायनिक श्रेणी किसे कहते है और इसके अनुप्रयोग, उपयोग 12th, Chemistry, Lesson-3
- विद्युत रसायन किसे कहते है और फैराडे के नियम व उपयोग 12th, Chemistry, Lesson-3
- प्राथमिक सेल और द्वितीयक सेल के बारे में 12th, Chemistry, Lesson-3
- विशिष्ट चालकता एवं मोलर चालकता किसे कहते है 12th, Chemistry, Lesson-3
Recommended Post
-
चांदी क्या है? और चांदी के उपयोग तथा यह कैसे बनता है
-
एंजाइम उत्प्रेरक क्या होता है और एंजाइम उत्प्रेरण के लक्षण व उदाहरण
-
सल्फ्यूरिक अम्ल क्या है? इसे बनाने की विधि
-
मीटर सेतु का सिद्धांत क्या है (12th, Physics, Lesson-4)
-
तांबा क्या है? और तांबा के फायदे व इसके उपयोग
-
अमीटर क्या है? तथा धारामापी का अमीटर में रूपांतरण
-
पायस क्या है? और पायस के प्रकार, उदाहरण, उपयोग
-
गैल्वेनिक सेल क्या है और इसकी क्रियाविधि
2 thoughts on “रासायनिक बलगतिकी की परिभाषा”