भूगर्भवेत्ताआओं कि अनुसार वह क्षेत्र जहां आज हिमालय पर्वत और उसकी मैदान स्थित है, वहा करोड़ों वर्ष पूर्व उथला और विशाल टेथिस (Tethys) सागर था। इसी सागर में एकत्र अवसादो मैं वलन प्रक्रिया के परिणाम स्वरूप हिमालय पर्वत की उत्पत्ति हुई है। हिमालय के निर्माण को निम्नलिखित तथ्यों द्वारा समझा जा सकता है-
- करोड़ों वर्ष पूर्व भारत दक्षिण गोलार्ध में स्थित गोंडवाना लैंड भूखंड का अंग था इसके उत्तर मैं अंगारा लैंड ( वर्तमान यूरेशियन प्लेट) स्थित थी।
- कालांतर में मैदान की संवहनिक तरंगों ने इस भूखंड को कई प्लेटो (भागो) मैं विभक्त कर दिया।
- गोंडवाना लैंड से एक प्लेट अलग हो गई जिसे indo-australian प्लेट कहा जाता है।
- indo-australian प्लेट उत्तर की ओर सिसकती हुई यूरेशियन प्लेट से टकराई और उसका उतरी सिरा यूरेशियन प्लेट के नीचे धंस गया।
- दोनों प्लेटों के मध्य टेथिस सागर स्थित था। अतः इन प्लेटों के टकराव के कारण इस सागर की अवसादी शैलों में मोड़ पर गए और वलय प्रक्रिया के कारण मोड़ ऊंचे उठ गए जिससे मध्य एशियाई पर्वतों का निर्माण हुआ। हिमालय पर्वत भी इसी क्रम का पर्वत है।
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