लिखित सम्प्रेषण लिखकर किया जाता है। लिखित सम्प्रेषण के लिए आवश्यक है कि लिखे गए संदेश में साधारण एवं सरल भाषा का उपयोग करना चाहिए ताकि सम्प्रेषण प्रभावी हो।
लिखित सम्प्रेषण के लाभ (Advantages of Written Communication) –
- लिखित प्रमाण – पूर्व में हुए किसी लिखित सम्प्रेषण पर कोई विवाद, संदेह गलतफहमी होती भी है तो लिखित प्रमाण को पुनः रिकॉर्ड में देखा जा सकता है।
- शुद्ध व सही – यह संदेश किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह को भेजना होता है अतः काफी सावधानी से तैयार किया जाता है और उसके पश्चात् पुनः पढ़ा जाता है ताकि कोई गलती न रहे।
- व्यक्तिगत सम्पर्क की आवश्यकता नहीं – सम्प्रेषण के इस माध्यम में दोनों पक्ष की उपस्थिति होना या व्यक्तिगत सम्पर्क होना आवश्यक नहीं है। संदेश प्राप्तकर्ता संदेश को बाद में पढ़ सकता है।
- सस्ता – यदि संदेश प्राप्तकर्ता काफी दूरी पर है तो संदेश सामान्यतः डाक द्वारा भेजा जा सकता है, जो कि सम्प्रेषण का सस्ता माध्यम है।
- सभी को एक साथ सूचना – सम्प्रेषण के इस माध्यम में संदेश की प्रतिलिपि तैयार कर सभी प्राप्तकर्ता को एक साथ सम्प्रेषित किया जा सकता है।
लिखित सम्प्रेषण की हानियां (Disadvantages of written Communication)
- समय की हानि – संदेश को लिखने, पुनः पढ़ने तथा उच्च अधिकारी के हस्ताक्षर करने में समय लगता है। अतः सम्प्रेक्षण के इस माध्यम से समय की हानि होती है।
- महंगा – संदेश तैयार करने में स्याही, कागज तथा भेजने में डाक, रजिस्टर्ड पोस्ट तथा संदेश को भविष्य में संभाले रखने में लागत आती है।
- गोपनीयता का अभाव – लिखित संदेश संस्था में काफी कर्मचारियों के हाथ से गुजरता हुआ प्राप्तकर्ता के पास पहुंचता है अतः संदेश गोपनीय नहीं रहता है।
- आकस्मिकता में अनुपयुक्त – तुरंत भेजने वाले संदेश में यह विधि उपयुक्त नहीं रहती है।
प्रश्न ओर अत्तर (FAQ)
लिखित संप्रेषण किसे कहते हैं।
लिखित सम्प्रेषण लिखकर किया जाता है। लिखित सम्प्रेषण के लिए आवश्यक है कि लिखे गए संदेश में साधारण एवं सरल भाषा का उपयोग करना चाहिए ताकि सम्प्रेषण प्रभावी हो।
लिखित संप्रेषण का एक लाभ बताइए।
लिखित प्रमाण – पूर्व में हुए किसी लिखित सम्प्रेषण पर कोई विवाद, संदेह गलतफहमी होती भी है तो लिखित प्रमाण को पुनः रिकॉर्ड में देखा जा सकता है।
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