
मोनेरा जगत (Kingdom Monera)
हेलो दोस्तों मेरा नाम भूपेंद्र है। और आज किस आर्टिकल में आपको बताएंगे मोनेरा जगत के बारे में तथा इसके लक्षण और मोनेरा जगत का वर्गीकरण भी इस आर्टिकल में बताएंगे तो आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
मोनेरा जगत की परिभाषा
प्रोकैरियोटिक कोशिका वाले जीवो को मोनेरा जगत में रखा गया है। इसमें सभी जीवाणु, नीले, हरे, शैवाल माइक्रो प्लाज्मा को रखा गया है।
मोनेरा जगत के सामान्य लक्षण
- इसमें सत्य केंद्र का अभाव होता है।
- इसमें झिल्ली युक्त कोशिकांग नहीं पाए जाते हैं। जैसे- माइटोकांड्रिया, लाइसोसोम, केंद्रक।
- इनमें गुणसूत्र नहीं पाए जाते हैं।
- माइक्रो प्लाज्मा को छोड़कर अन्य सभी सदस्यों में कोशिका भित्ति पाई जाती है।
- इनमें भित्तिकाए नहीं पाई जाती है।
- इनमें राइबोसोम 70 S प्रकार का होता है।
- जगत मोनेरा में पोषण विधियों में निवेदिता पाई जाती है।
- कुछ जीव सहजीवी होते हैं जैसे-रेजोबीएम।
- मोनेरा के सदस्यों में वर्गीजनन या अलैंगिक जनन पाया जाता है। इनमें लैंगिक जनन का अभाव होता है।
- कुछ जीव प्रतिकूल वातावरणीय परिस्थितियों जैसे-अत्यधिक गर्म स्थानों पर, वह कुछ दलदली क्षेत्र में पाए जाते हैं। इस प्रकार के जीवन को आर्की बैक्टीरिया कहते हैं।
मोनेरा जगत का वर्गीकरण
1.जीवाणु (Bacteria): ये वास्तव में पौधे नहीं होते हैं। इनकी कोशिकाभित्ति का रायायनिक संगठन पादप कोशिका के रासायनिक संगठन से बिल्कुल भिन्न होता है। यद्यपि कुछ जीवाणु प्रकाश संशलेषण करने में सक्षम होते हैं लेकिन उनमें विद्यमान बैक्टीरियोक्लोरोफिल पौधों में उपस्थित क्लोरोफिल से बिल्कुल भिन्न होता है।
2.एक्टिनोमाइसिटीज (Actinomycetes): इन्हें कवकसम जीवाणु भी कहते हैं। ये वे जीवाणु हैं जिनकी रचना कवक जाल के समान तन्तुवत या शाखित होती है। पहले इन्हें कवक माना जाता था, परन्तु प्रोकैरिओटिक कोशिकीय संगठन के कारण इन्हें अब जीवाणु माना जाता है। स्ट्रेप्टोमाइसीज इस समूह का एक महत्वपूर्ण वंश है। कवकसम जीवाणुओं की अनेक जातियों से विभिन्न प्रकार के प्रतिजैविक (Antibiotics) प्राप्त किए जाते हैं।
3.आर्कीबैक्टीरिया (Archaebacteria): ऐसा माना जाता है कि ये प्राचीनतम जीवधारियों के प्रतिनिधि हैं। इसलिए इनका नाम आर्की (Archae) अर्थात् बैक्टीरिया रखा गया है। इसलिए इन्हें प्राचीनतम जीवित जीवाश्म कहा जाता है। जिन परिस्थितियों में ये निवास करते हैं उनके आधार पर आक बैक्टीरिया को तीन समूहों में विभाजित किया गया है-मैथेनेजोन, हैलोफाइल्स तथा थर्मोएसिडोफाइल्स।
1. मोनेरा जगत की परिभाषा बताइए।
प्रोकैरियोटिक कोशिका वाले जीवो को मोनेरा जगत में रखा गया है। इसमें सभी जीवाणु, नीले, हरे, शैवाल माइक्रो प्लाज्मा को रखा गया है।
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