नाभिकीय ऊर्जा-
एक भारी नाभिक के दो लगभग बराबर हल्के नाभिकों में टूटने अथवा दो हल्के नाभिकों के संयुक्त होने पर भारी नाभिक बनाने की क्रिया में नाभिक के द्रव्यमान के कुछ भाग का क्षय हो जाता है। यह द्रव्यमान क्षय , ऊर्जा के रूप में प्राप्त होता है जिसे नाभिकीय ऊर्जा कहते हैं।

नाभिकीय ऊर्जा के उपयोग –
नाभिकीय विखण्डन अथवा नाभिकीय संलयन की क्रिया में अत्यधिक ऊर्जा प्राप्त होती है जिसका उपयोग विद्युत उत्पादन के लिए नाभिकीय संयन्त्रों में किया जाता है। इस ऊर्जा का उपयोग पानी से भाप बनाकर विद्युत उत्पन्न करने में किया जाता है।
नाभिकीय ऊर्जा के दुरुपयोग-
नाभिकीय ऊर्जा का प्रयोग नाभिकीय हथियार बनाने में किया जाता है जो कि बहुत विनाशकारी है। नाभिकीय ऊर्जा हेतु प्रयुक्त होने वाले तत्त्व यूरेनियम , प्लूटोनियम आदि हैं।
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