प्रकृति द्वारा प्रदत्त विभिन्न प्राकृतिक संसाधन पर्यावरण के ही अंग है। अत : इनके संरक्षण हेतु कानूनी नियम बनाए गए हैं यही कानून पर्यावरण संरक्षण अधिनियम कहलाता है। यह अधिनियम 1986 में बनाया गया है तथा सम्पूर्ण भारत में लागू हुआ है। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम , 1986 के प्रमुख प्रावधान निम्नलिखित है।

- राज्य सरकार प्रदूषण के निवारण , नियन्त्रण और उपशमन के लिए कार्यक्रम बनाएगी तथा उसका निष्पादन करेगी।
- प्रदूषकों के उत्सर्जन का मानक निर्धारित होगा।
- किसी उपस्कर , संयन्त्र , अभिलेख – रजिस्टर , दस्तावेज आदि की जांच कराने के लिए किसी भी स्थान , भवन आदि की तलाशी कर सकते है।
- इस धारा के अन्तर्गत किसी भी दुकान , प्रतिष्ठान , उद्योग आदि या स्थान से नमूने लेने का अधिकार है। इसके लिए व्यवधान खड़ा करने उतनी वाला व्यक्ति अपराधी माना जाएगा।
- इस अधिनियम की धाराओं का उल्लंघन दण्डनीय है।
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