प्लांक का क्वांटम सिद्धांत
एक वस्तु द्वारा उत्सर्जित अवशोषित किरण सतत ना होकर असतत ना होकर ऊर्जा के छोटे छोटे बंडलों में होता है। इन बंडलों को क्वांटम भी कहते हैं।

- प्रकाश के संबंध में छोटी-छोटी ऊर्जा की बंडलों को प्रोटोन कहते हैं। इनको क्वांटम भी कहते हैं।
- प्रतीक प्रोटोन की ऊर्जा विद्युत चुंबकीय विकिरण की आवर्ती के समानुपाती होती है।
क्वाण्टम सिद्धांत के अनुप्रयोग
क्वांटम यांत्रिकी ने हमारे ब्रह्मांड की कई विशेषताओं को समझाने में भारी सफलता प्राप्त की है। क्वांटम यांत्रिकी एकमात्र सिद्धांत है जो उप परमाण्विक कणों (sub-atomic particles) के व्यवहार को प्रकट कर सकता है जो सभी प्रकार के पदार्थ (इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन, न्यूट्रॉन, फोटॉन और अन्य) बनाते हैं। इसके मुख्य अनुप्रयोग निम्न हैं-
- कई आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों क्वांटम यांत्रिकी का उपयोग कर डिजाइन किए गए हैं। उदाहरणों के रुप मे लेजर, ट्रांजिस्टर (और इस प्रकार माइक्रोचिप), इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप, और चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (MRI) शामिल हैं। अर्धचालक (semiconductor) के अध्ययन से डायोड और ट्रांजिस्टर का आविष्कार हुआ, जो आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम, कंप्यूटर और दूरसंचार उपकरणों के अनिवार्य हिस्सों है।
- क्वांटम क्रिप्टोग्राफी को और अधिक विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे सैद्धांतिक रूप से सुचना का निश्चित रूप से सुरक्षित संचरण होगा।
- क्वाण्टम कम्प्यूटर का विकास की भी कोशिश हो रही है जिससे कई कार्यों को कई गुना तेजी से करने की आशा की जा रही है।
- अन्य सक्रिय शोध विषय क्वांटम टेलीपोर्टेशन है, जो मनचाही दूरी पर क्वांटम जानकारी संचारित करने के लिए तकनीकों से संबंधित है।
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