
सार्वजनिक वितरण प्रणाली क्या है?
सार्वजनिक वितरण प्रणाली-
सार्वजनिक वितरण प्रणाली से आशय उस प्रणाली से है जिसमें आवश्यक एवं उपभोक्ता वस्तुओं को सार्वजनिक रूप से इस प्रकार वितरित किया जाता है कि यह वस्तुएं सभी उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर और उचित मात्रा में प्राप्त हो सके। इस प्रणाली में वितरण व्यवस्था पर सरकारी नियमन एवं नियंत्रण रहता है।

इसमें भारतीय खाद्य निगम द्वारा खाद्यान्नों को क्रय किया जाता है और सरकार द्वारा विनियमित राशन दुकानों के माध्यम से इसे वितरित किया जाता है। यह मध्यस्थ कहलाते हैं। इसमें मध्यस्थों के लाभ की मात्रा और वस्तुओं के विक्रय मूल्य सरकार द्वारा निश्चित किए जाते हैं। इससे कम या अधिक मूल्य पर वस्तुओं की बिक्री नहीं की जा सकती। इस व्यवस्था के अंतर्गत उपभोक्ताओं को राशन कार्ड वितरित किए जाते हैं और इन राशन कारणों के आधार पर गेहूं, चावल, कपड़े वह तेल का निश्चित आधार पर वितरण किया जाता है।
- उचित मूल्य पर राशन की दुकानें – इन दुकानों से गेहूं, गेहूं से बनी वस्तुएं चावल, चीनी, वनस्पति घी व तेल सरकार द्वारा निर्धारित मूल्यों पर राशन कार्डों के आधार पर बेचा जाता है।
- सहकारी उपभोक्ता भंडार – इन भंडारों में उपभोक्ताओं की आवश्यकता की वस्तुओं के साथ-साथ नियंत्रित वस्तुओं की बिक्री का भी प्रबंध होता है।
- सुपर बाजार – देश के बड़े बड़े नगरों में सुपर बाजार खोले गए हैं जिनमें साधारण उपयोग की सभी वस्तुएं उपलब्ध रहती हैं
- मिट्टी के तेल के विक्रेता – यह विक्रेता सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर विक्रेताओं को तेल उपलब्ध कराते हैं।
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