अर्धचालक के बारे में
semiconductor in hindi वह पदार्थ जिनमें मुक्त इलेक्ट्रॉन न बहुत अधिक और न बहुत कम होते है, अर्धचालक कहलाते हैं। उदाहरण के लिए, सिलिकॉन, जर्मेनियम आदि अर्धचालक है। इनमें साधारण ताप तथा सामान्य ताप पर विद्युत चालन संभव नहीं होता है। लेकिन उच्च ताप पर विद्युत चालन मुमकिन हो जाता है।
अर्धचालको की विशेषताए
यह अर्धचालको की चालकता 10⁻⁷ से 10² mho/m के बीच में निश्चित होती है जबकि इसकी प्रतिरोधकता 10⁻¹ से 10⁻⁷Ωm के बीच में निश्चित होती है।
अर्धचालको के प्रकार
अर्धचालक पदार्थ को विभिन्न प्रकार के आधार पर विभाजित किया गया है।
कैंथल (Canthel)
यह पदार्थ क्रोमियम, नीकिल तथा लोहा आदि धातुओं को मिलाकर तैयार किया जाता है। यह मिश्र धातु है। इसका विशिष्ट प्रतिरोध एवं गलनांक उच्च होता है। विद्युत फर्नेस के एलिमेंट, कैंथल के बनाए जाते हैं।
नाइक्रोम (Nichrome)
यह भी एक मिश्र धातु है। इसे 80% नीकिल व 20% क्रोमियम मिलाकर तैयार किया जाता है। इसका गलनांक उच्च होता है। इसका मुख्य रूप से उपयोग विद्युत भट्टियों में, प्रेस में, हीटर में, गीजर में, टोस्टर में, विद्युत केतली के हीटिंग एलिमेंट बनाने में किया जाता है।

कार्बन (Carbon)
यह एक अधातु पदार्थ है। इसका प्रतिरोध कम होता है। इसका विशिष्ट प्रतिरोध (specific resistance) अधिक होता है। इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों में इसका व्यापक रूप से उपयोग होता है जरनेटर एवं डी.सी. मोटर में लगे कार्बन ब्रुश, कार्बन के ही बने होते हैं।
मैंगनिन (Manganin)
इसे 84% तांबा, 12% मैंगनीज, 4% नीकिल मिलाकर इसे मिश्र धातु के रूप में बनाया जाता है। इसे प्रमाणित प्रतिरोधको (certified resistance) व महंगे यंत्रों में प्रयोग किया जाता है।
यूरेका (Eureka)
- यह मिश्र धातु है। इसे 60% तांबा, 40% नीकिल मिलाकर बनाया जाता है।
- इसके पतले तार आसानी से बनाए जा सकते हैं।
- इसका विशिष्ट प्रतिरोध अधिक होता है।
- इसका उपयोग प्रतिरोध बॉक्स, थर्मोकपल स्टार्टरो के प्रतिरोध व रेगुलेटर में किया जाता है।
जर्मन सिल्वर (German silver)
यह भी मिश्र धातु है। इसमें 60% तांबा, 15% नीकिल एवं 25% जिंक मिलाया जाता है। यह नरम धातु होती है। इसका उपयोग प्रतिरोध तार एवं अच्छे वाल्व बनाने में किया जाता है।
प्लेटिनोइड (Platinoid)
इसे 64% तांबा, 15% नीकिल, 20% जस्ता, 1% टंगस्टन धातुओं से यह मिश्र धातु बनाई जाती है। इसकी प्रतिरोधकता अधिक होती है। यह महंगी होने के कारण प्रमाणिक यंत्रों (certified instruments) में प्रयोग की जाती है।
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