जीवन: एक नाटक | कक्षा-12 अपठित गद्यांश
मनुष्य को कभी भी अभिमान नहीं करना चाहिए। जिस वैभव को लेकर वह दर्प करने की ठानता है, वह उसका नहीं है। उसे तो वह इस रंगमंच में अपना अभिनय – कौशल दिखाने के लिए किराये के रूप में मिला है। उसका असली मालिक ईश्वर है। ईश-उपनिषद् में यह वचन मिलता है कि इस संसार […]