साझेदारी के गुण तथा दोष बताइए।
साझेदारी (Partnership) – व्यवसायिक संगठनों के क्रमिक विकास में साझेदारी संगठन द्वितीय प्रारुप है। अधिक पूंजी अधिक नियंत्रण, अधिक विशिष्टीकरण तथा श्रम विभाजन की आवश्यकता ने प्रकल स्वामित्व के स्थान पर साझेदारी व्यवसाय को उद्भव किया है। इसे भागीदारी, भागिता संगठन भी कहते हैं। Table of Contentsसाझेदारी (Partnership) – साझेदारी के गुण-साझेदारी के दोष-साझेदारी सगंठन […]