
वायवीय तथा अवायवीय श्वसन में अंतर लिखिए।
वायवीय श्वसन-
- ऑक्सीजन की उपस्थिति में होता है।
- ग्लूकोस के पूर्ण ऑक्सीकरण के फल स्वरुप CO2 वह जल बनता है।
- सभी जीवो में सामान्य रूप से पाया जाता है।
- ग्लाइकोलिसिस को छोड़कर सभी क्रियाएं माइट्रोकांड्रिया में होती हैं।
- ऊर्जा की काफी मात्रा निरमुक्त होती है।
- निरमुक्त ऊर्जा के अनुबंध फलस्वरूप एक अणू ग्लूकोज 38 एटीपी अणु प्राप्त होते हैं।
अवायवीय श्वसन-
- ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं होती है।
- पूर्ण ऑक्सीकरण नहीं हो पाता अतः एल्कोहाल या लैक्टिक अम्ल तथा CO2 बनती है।
- केवल कुछ पौधों, कुछ जंतुओं में या उनके विशेष ऊतकों में होता है।
- सभी प्रकार की क्रियाएं कोशिका द्रव्य में होती है।
- ऊर्जा की बहुत कम मात्रा सामान्यतः 21-24 किलोकैलोरी उत्पन्न होती है।
- एक अणु ग्लूकोज से केवल 2 एटीपी और प्राप्त होते हैं।
अवायवीय श्वसन क्रिया यीस्ट जैसे कवक तथा कुछ जीवाणुओं में होती है। मांस पेशियों में ऑक्सीजन के अभाव में लैक्टिक अम्ल बनता है।
Read more – स्टील और स्टेनलेस स्टील के बीच क्या अंतर है?
Read more – ऊर्जा के प्रमुख स्रोतों का वर्णन कीजिए।
Read more – ऊर्जा संरक्षण क्यों आवश्यक है?
इन्हें भी पढ़ें:-यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय
Read more- जनसंख्या वृद्धि के महत्वपूर्ण घटकों की व्याख्या करें।
read more – लोकल एरिया नेटवर्क के लाभ ?
read more – औद्योगिक क्रांति से क्या लाभ है?
इन्हें भी पढ़ें:-मनुष्य की लसीका तंत्र पर टिप्पणी लिखिए-
read more – फसल चक्र से क्या समझते हैं ?
read more – भारत में निर्धनता दूर करने के उपाय?
read more – ‘एक दलीय प्रणाली’क्या है?
इन्हें भी पढ़ें:-विनिर्माण उद्योग-
latest article – जॉर्ज पंचम की नाक ( कमलेश्वर)
latest article – सौर-कुकर के लाभ ?
click here – click
इन्हें भी पढ़ें:-गैर परंपरागत ऊर्जा के साधन-