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समचतुष्फलकीय रिक्तियाँ, अष्टफलकीय रिक्तियाँ

समचतुष्फलकीय रिक्तियाँ, अष्टफलकीय रिक्तियाँ

रिक्तियाँ के बारे में

समचतुष्फलकीय रिक्तियाँ (tetrahedral voids): क्रिस्टल के रचक अवयवों द्वारा निर्मित संरचना में रिक्त स्थान (empty space) भी होता है। यह रिक्त स्थान विशेष प्रकार के ज्यामिति वाले छिद्रों से बना होता है। इन छिद्रों को रिक्तियां (voids) कहते हैं। ये छिद्र रचक अवयवों के मध्य होते हैं अतः इन्हें अंतराकाशी रिक्तियाँ (interstitial voids) भी कहते हैं। यह रिक्तियाँ मुख्यतः दो प्रकार की होती है-

समचतुष्फलकीय रिक्तियाँ

जब तीनों गोलों से बने त्रिकोणीय (triangular) रिक्ति स्थान के ऊपर या नीचे एक गोला तीनों गोलो को छूते हुए रखा जाता है तो इस प्रकार प्राप्त रिक्त स्थान समचतुष्फलकीय रिक्ति (tetrahedral voids) कहलाता है। यहां चारों गोले समचतुष्फलक के कोनों (corners) पर होते हैं। रिक्ति त्रिकोणीय होते हुए भी गोलो की व्यवस्था समचतुष्फलक होती है।

समचतुष्फलकीय रिक्तियाँ, अष्टफलकीय रिक्तियाँ, (12th, Chemistry, Lesson-1)

चतुष्फलकीय रिक्ति के लक्षण

  1. रिक्त व रचक घटक (Stirrer component) की त्रिज्याओ का अनुपात स्थिरांक (Constant) होता है। अतः दोनों के आकार एक-दूसरे के समानुपाती (proportionate) होते हैं।
  2. प्रत्येक रचक घटक ऊपर व नीचे तीन-तीन गोलों के साथ दो समचतुष्फलक बनाता है। अतः एकक सेल में प्रति रचक घटक के योगदान का दोगुना समचतुष्फलकीय रिक्ति का योगदान होता है।
  3. समचतुष्फलकीय रिक्ति (Rhombic void) का अर्थ उसे उत्पन्न करने वाले गोलों की समचतुष्फलकीय व्यवस्था (Rhombus arrangement) से होता है।
  4. समचतुष्फलकीय रिक्ति में डाले गए किसी भी कण का समन्वय अंक (Co-ordination number) 4 होता है।
  5. फलक केंद्रित घनीय एकक सेल (face centred cubic unit cell) व काय केंद्रित घनीय एकक सेल (body centred cubic unit cell) में समचतुष्फलकीय रिक्तियाँ (tetrahedral voids) का योगदान क्रमशः 8 व 4 होता है।

अष्टफलकीय रिक्तियाँ

षट्भुजीय द्विविमीय संकुलन (Hexagonal two-dimensional congestion) में प्रत्येक तीन एक-दूसरे को स्पर्श करते हुए गोलों में त्रिकोणीय (trigonal) स्थान दिखाई देता है। इन रिक्तियों (voids) के ऊपर गोलो द्वारा दूसरी परत के गोलों का त्रिकोणीय रिक्त (Triangular void) स्थान प्रथम परत के त्रिकोणीय रिक्त स्थान पर आ जाता है तो यह दो परतों के तीन-तीन गोलों (circular) से बना रिक्त स्थान अष्टफलकीय ज्यामिति (Octahedral geometry) को जन्म देता है। अतः अष्टफलकीय रिक्ति कहलाती हैं। 6 गोलों के केंद्र अष्टफलक के कोने (corners) बनाते हैं।

समचतुष्फलकीय रिक्तियाँ, अष्टफलकीय रिक्तियाँ, (12th, Chemistry, Lesson-1)

अष्टफलकीय रिक्ति के लक्षण

  1. रिक्त व रचक घटक की त्रिज्याओं (radius) का अनुपात स्थरांक होता है। अतः दोनों के आकार एक-दूसरे के समानुपाती (proportionate) होते हैं।
  2. अष्टफलकीय रिक्ति का आकर समचतुष्फलकीय रिक्ति (Rhombic void) से अधिक होता है।
  3. प्रत्येक रचक घटक अपने ऊपर व नीचे वाली परतों के तीन-तीन रचक घटकों को स्पर्श करने पर एक अष्टफलकीय रिक्ति उत्पन्न करता है। अतः एकक सेल में प्रति रचक घटक के योगदान के बराबर अष्टफलकीय रिक्तियों (Octal voids) का योगदान होता है।
  4. अष्टफलकीय रिक्ति (Octahedral void) में उपस्थित किसी भी कण का समन्वय अंक 6 होता है।
  5. फलक केंद्रित घनीय एकक सेल (face centred cubic unit cell) व काय केंद्रित घनीय एकक सेल (body centred cubic unit cell) में अष्टफलकीय रिक्तियों का योगदान क्रमशः 4 वा 2 होता है।