हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको फ्रांस की क्रांति के परिणाम के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
फ्रांस की क्रांति
फ्रांस की क्रांति 1789 विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटना है। इसे हम इस्लाम उदय के बाद विश्व की सबसे प्रभावी घटना मान सकते है। किसी भी क्रांति या आंदोलन की तह वर्षो के राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक व आर्थिक शोषण में छिपी होती है।
जनता का धैर्य जब टूटने लगता है व पूर्व स्थापित व्यवस्था से विश्वास उठने लगता है तो क्रांति अवश्यम्भावी हो जाती है। फ्रांस की क्रांति को हम फ्रांस की उस समय की राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक दुर्व्यवस्था में टोह सकते है
फ्रांस की क्रांति के परिणाम
1) सामंत शाही का अंत- फ्रांसीसी क्रांति की महत्वपूर्ण इन सामंती व्यवस्था का अंत करना था। इस व्यवस्था के अंतर्गत बहुत वर्षों तक सामान्य जनता का शोषण किया गया आर्थिक शोषण तो इस व्यवस्था की चरित्रिक विशेषता थी फ्रांस की क्रांति द्वारा विशेष अधिकारों का अंत करके समानता के सिद्धांत का प्रतिपादन किया गया। क्रांति का अन्य देशों पर भी प्रभाव पड़ा कि यूरोप के अन्य देशों में भी धीरे-धीरे सामंत शाही का अंत हो गया।
(2) धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना - इस क्रांति का परिणाम स्वरुप यूरोपीय देश में धार्मिक सहिष्णुता का दुष्प्रभाव हुआ एवं लोगों को धार्मिक उपासना की सुंदरता प्राप्त हुई तथा धारण के संबंध में राजा का कोई हस्तक्षेप नहीं रहा।
(3) सामाजिक समानता एवं राष्ट्रीय बंधुत्व की भावना का विकास- क्रांति के समय कांति कार्यों द्वारा इन्हें 3 सिद्धांतों के प्रसार को अपना ध्येय बनाया गया। क्रांति ने राजनीतिक आर्थिक सामाजिक तथा धार्मिक दृष्टि से प्रत्येक नागरिक को पूर्ण रूप से स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान किया। स्वतंत्रता समानता और बंधुत्व का प्रचार केवल फ्रांस में ही नहीं अपितु समस्त यूरोप में किया गया।
(4) राष्ट्रीयता की भावना का विकास- इस क्रांति की एक महत्वपूर्ण दिन नागरिक के हृदय में अपने देश की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीयता की भावना उत्पन्न करना है जब विदेशी सेनाओं ने राजतंत्र की सुरक्षा के लिए फ्रांस पर आक्रमण किया तो उस समय किसान मजदूर एवं अन्य लोगों ने सेना में भर्ती होकर अत्यंत वीरता के साथ विदेशी सेनाओं का सामना किया तथा
विजय प्राप्त की। राष्ट्रीयता की भावना यूरोप के अन्य देशों में भी व्याप्त होती गई 1830 ईस्वी से 1848 ईस्वी की व्यापक क्रांतियां तथा 1870-71 में इटली और जर्मनी के एकीकरण इसके प्रमुख उदाहरण हैं।
(5) लोकप्रिय संप्रभुता के सिद्धांत का प्रतिपादन- इस क्रांति के द्वारा राजनीतिक दृष्टि से राजाओं के अधिकार के सिद्धांत का अंत करके लोकप्रिय सिद्धांत का प्रतिपादन किया गया। सर्वसाधारण द्वारा देश की राजनीति में प्रत्यक्ष रूप से हिस्सा बताने में उनमें आत्मविश्वास की भावना का संचार हुआ।
(6) समाजवाद की स्थापना- कुछ इतिहासकारों के अनुसार फ्रांस की क्रांति समाजवादी विचारधारा का स्रोत थी। इस घोषणा में स्पष्ट रूप से कहा गया कि "सभी मनुष्य समान है तथा उनकी उन्नति का अवसर प्रत्येक को समान रूप से दिया जाना चाहिए।"
विशेषाधिकार ई युक्त वर्ग का अंत करने के लिए 4 अगस्त 1789 ईस्वी को प्रस्ताव पास किया गया जिसके द्वारा कुलीन वर्ग का अंत हो गया अब कुलीन लोग साधारण वर्क के समान ही थे तथा अब वेद दरिद्र किसानों पर अत्याचार नहीं कर सकते थे दास प्रथा का भी अंत हो गया। जागीरदारों ने जनता के रुख को देखकर स्वयं ही अपना विशेष अधिकार त्याग दिए तथा फ्रांस में असमानता समाप्त हो गई।
(7) शिक्षा एवं संस्कृति का विकास- फ्रांस की क्रांति ने शिक्षा को चर्च के अधिपत्य से निकालकर उसे राष्ट्रीय सार्वभौमिक तथा धर्मनिरपेक्ष बनाया साथ ही पुरातन व्यवस्था के अंधविश्वासों को नष्ट किया यूरोप साहित्य में स्वच्छंदतावाद ई आंदोलन भी क्रांति का ही परिणाम था।
लार्ड एल्टन का कथन है कि "सामाजिक समानता और व्यवसाय क्रांति के उद्देश्य थे जो प्राप्त कर लिए गए। सैनिक गौरव तथा भूमिका कृषकों को हस्ताक्षर क्रांति की अन्य उपलब्धियां थी। आधुनिक फ्रांस की राष्ट्रीय शिक्षा पद्धति की नवीन भी क्रांति रखी।"