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लोकतंत्र अधिकार

लोकतंत्र अधिकार

हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको लोकतंत्र अधिकार के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।

भारत में लोकतंत्र का प्राचीन इतिहास

विश्व के विभिन्न राज्यों में राजतंत्र, श्रेणी तंत्र, अधिनायक तंत्र व लोकतंत्र आदि शासन प्रणालियां प्रचलित रही हैं। ऐतिहासिक दृष्टि से अवलोकन करें तो भारत में लोकतंत्रात्मक शासन प्रणाली का आरंभ पूर्व वैदिक काल से ही हो गया था। प्राचीनकाल में भारत में सुदृढ़ लोकतांत्रिक व्यवस्था विद्यमान थी। इसके साक्ष्य हमें प्राचीन साहित्य, सिक्कों और अभिलेखों से प्राप्त होते हैं। विदेशी यात्रियों एवं विद्वानों के वर्णन में भी इस बात के प्रमाण हैं।

वर्तमान संसद की तरह ही प्राचीन समय में परिषदों का निर्माण किया गया था, जो वर्तमान संसदीय प्रणाली से मिलती-जुलती थी। गणराज्य या संघ की नीतियों का संचालन इन्हीं परिषदों द्वारा होता था। इसके सदस्यों की संख्या विशाल थी। उस समय के सबसे प्रसिद्ध गणराज्य लिच्छवि की केंद्रीय परिषद में 7,707 सदस्य थे वहीं यौधेय की केंद्रीय परिषद के 5,000 सदस्य थे। वर्तमान संसदीय सत्र की तरह ही परिषदों के अधिवेशन नियमित रूप से होते थे।

लोकतंत्र के उद्देश्य

 (i) राज्य की संस्थाएं और संरचनाएं, राजनीतिक प्रतियोगिता को बढ़ावा देना, राजनीतिक शक्ति का आधार खुली प्रतियोगिता हो, व्यक्तियों के राजनीतिक अधिकारों को संरक्षण मिले। 

(ii) व्यक्तियों तथा विविध समूहों की व्यवस्था में अर्थपूर्ण भागीदारी।

 (iii) राजनीतिक व्यवस्था के अंतर्गत कानून का शासन, नागरिक स्वतंत्रताएं, नागरिक अधिकार आदि की गारंटी उपलब्ध कराई जाए। 

iv) नीति-निर्माण संस्थाओं में खुली भर्ती की प्रक्रिया को अपनाना। (v) राजनीतिक सहभागिता के लिए नियमन किया जाए। (vi) राजनीतिक सत्ता के लिए प्रतियोगिता को बढ़ावा दिया जाए। 

लोकतंत्र अधिकार-
लोकतंत्र अधिकार-

भारतीय लोकतंत्र की उपलब्धियां

भारत विश्‍व की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है जिसमें बहुरंगी विविधता और समृद्ध सांस्‍कृतिक विरासत है। इसके साथ ही यह अपने आपको बदलते समय के साथ ढालती भी आई है। आजादी पाने के बाद पिछले 69 वर्षों में भारत ने बहुआयामी सामाजिक और आर्थिक प्रगति की है।

भारत कृषि में आत्‍मनिर्भर बन चुका है और अब दुनिया के सबसे औद्योगीकृत देशों की श्रेणी में भी इसकी गिनती की जाती है। इन 69 सालों में भारत ने विश्व समुदाय के बीच एक आत्मनिर्भर, सक्षम और स्वाभिमानी देश के रूप में अपनी जगह बनाई है।

सभी समस्याओं के बावजूद अपने लोकतंत्र के कारण वह तीसरी दुनिया के अन्य देशों के लिए एक मिसाल बना रहा है। उसकी आर्थिक प्रगति और विकास दर भी अन्य विकासशील देशों के लिए प्रेरक तत्व बने हुए हैं।  हम दुनिया में एकमात्र राष्ट्र हैं जिसने हर वयस्क नागरिक को स्वतंत्रता पहले दिन से ही मतदान का अधिकार दिया है।

अमेरिका जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़े लोकतंत्र है, ने स्वतंत्रता के 150 से अधिक वर्षों बाद इस अधिकार को अपने नागरिकों को दिया। 560 छोटे रियासतों का भारत संघ में (विलय) हुआ। किसी भी एक देश में बोली जाने वाली भाषाओं की सबसे अधिक संख्या भारत में है।

करीब 29 भाषाएं पूरे भारत में बोली जाती हैं। करीब 1,650 बोलियां भारत के लोग बोलते हैं। एक दलित द्वारा तैयार संविधान भारत में है। जातीय समूहों की सबसे अधिक संख्या भारत में है।  दुनिया में सबसे ज्यादा निर्वाचित व्यक्तियों (1 लाख) की संख्या भारत में है।

धन्यवाद पंचायती राज। निर्वाचित महिलाओं (पंचायतों आदि) की संख्या सबसे अधिक। स्वदेशी परमाणु तकनीक विकसित की व दुनिया का बहिष्कार झेला। सबसे कम लागत की परमाणु ऊर्जा ($: 1,700 किलोवॉट प्रति) उत्पन्न करने वाला देश भारत है। थोरियम आधारित परमाणु ऊर्जा विकसित करने वाला एकमात्र देश भारत है। 

अंतरिक्ष में वाणिज्यिक उपग्रह सबसे कम कीमत में लांच करने वाला देश भारत है। परमाणु पनडुब्बी लांच करने वाले 5 देशों में से 1 भारत है। चांद और मंगल पर मानवरहित मिशन भेजने वाले 5 देशों में से एक भारत है। एल्युमीनियम, सीमेंट, उर्वरक एवं इस्पात का सबसे कम लागत निर्माता भारत है। सबसे बड़ा तांबा स्मेल्टर।

वायरलैस टेलीफोनी का सबसे कम लागत वितरण भारत में है। सबसे तेजी से बढ़ते दूरसंचार बाजार। दुनिया के सबसे कम लागत का सुपर कम्प्यूटर।  निम्नतम लागत वाली कार (नैनो)। दुनिया के दोपहिया वाहनों का सबसे बड़ा उत्पादक। सबसे कम लागत व उच्च गुणवत्ता वाली नेत्र शल्य चिकित्सा। दैनिक मोतियाबिंद ऑपरेशन की रिकॉर्ड संख्या, ब्रिटेन के 1 प्रतिशत कीमत पर।

सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी की क्षमता लगभग 70m टन। सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश (100 मीटरिक टन)। मक्खन का सबसे बड़ा उत्पादक। विश्व की सबसे बड़ी दुग्ध सहकारी संस्था (2.6 लाख सदस्य) भारत में। दालों का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता। चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक।

तीसरा कपास का सबसे बड़ा उत्पादक। सोने का सबसे बड़ा आयातक (700 टन)। सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। संसाधित सभी हीरे का 43.90 प्रतिशत भारत उत्पादक है। तीसरा (लेन-देन की संख्या से) के सबसे बड़ा शेयर बाजार। डाकघरों की सबसे बड़ी संख्या (1.5 लाख)। ​​बैंक खाताधारकों की संख्या सबसे अधिक।

कृषि भूखंडधारकों (100 करोड़) की संख्या सबसे अधिक। गैर निवासियों (52 अरब $) से सबसे बड़ा आवक विप्रेषण रिसीवर। सबसे बड़ा अंतरदेश प्रेषण। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है। सबसे बड़ा एकल नियोक्ता भारतीय रेल (1.5 करोड़ डॉलर)।

दैनिक रेलयात्रियों की संख्या सबसे ज्यादा। विश्व का दूसरा सबसे बड़ा हवाई अड्डा (दिल्ली)। भारत की मिड डे मील योजना दुनिया का सबसे बड़ा भोजन कार्यक्रम है। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम दुनिया में सबसे बड़ा रोजगार देने वाला कार्यक्रम है। 

भारत की सामरि‍क क्षमता में एक और शक्‍ति इस वर्ष जोड़ी गई जि‍सका नाम है- ‘अरि‍हंत’। भारत इस परियोजना पर करीब 2 दशक से काम कर रहा है भारतीय वैज्ञानि‍कों के अथक प्रयासों से भारत की नौसेना में इस अत्‍याधुनि‍क शस्‍त्र को शामि‍ल कि‍या गया जि‍सके जरि‍ए आज भारत हर तरह की सामरि‍क चुनौती का सामना करने में सक्षम है।

लोकतंत्र अधिकार-
लोकतंत्र अधिकार-

व्यक्तिगत स्वतंत्रता और मानवाधिकार

जब हम यह मान लेते हैं कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा लोकतंत्र के साथ आती है, तो हम एक महत्वपूर्ण तथ्य अनदेखा करते हैं कि लोकतंत्र, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और मानवाधिकार तीनों तीन चीज़ें हैं. वे एक नहीं हैं. कुछ विशेष परिस्थितियों में तीनों की मौजूदगी एक साथ संभव है.

रूस में मानवाधिकारों की रक्षा के बग़ैर लोकतंत्र लागू किया गया था. 19वीं शताब्दी में ब्रिटेन में लोकतंत्र जैसी किसी चीज़ के आने के पहले मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई थी.

आज हम मध्यपूर्व के देश जैसी पार्टियों को चुनाव में खड़े होते देखते हैं, जो चुनाव में मिली जीत को असहमित ख़त्म करने और ख़ास जीवन शैली को थोपने के मौक़े की तरह देखती है. जो वहां के अधिकांश नागरिकों के लिए सामान्य रुप से स्वीकार्य नहीं है.

ऐसी परिस्थिति में लोकतंत्र मानवाधिकरों की सुरक्षा के बजाय उसके लिए ख़तरा बन जाता है.