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लोकतंत्र किसे कहते हैं? | प्रकार

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लोकतंत्र किसे कहते हैं? | प्रकार

लोकतंत्र किसे कहते हैं? | प्रकार

हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको लोकतंत्र के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।

लोकतंत्र किसे कहते हैं? 

लोकतंत्र में लोक का अर्थ जनता और तंत्र का अर्थ व्यवस्था होता है. अत: लोकतंत्र का अर्थ हुआ जनता का राज्य. यह एक ऐसी जीवन पद्धति है जिसमें स्वतंत्रता, समता और बंधुता समाज-जीवन के मूल सिद्धांत होते हैं।

अंग्रेजी में लोकतंत्र शब्द को डेमोक्रेसी (Democracy) कहते है जिसकी उत्पत्ति ग्रीक मूल शब्द ‘डेमोस’ से हुई है।डेमोस का अर्थ है ‘जन साधारण’ और क्रेसी का अर्थ है।‘शासन’. ऐतिहासिक दृष्टि से अवलोकन करें तो भारत में लोकतंत्रात्मक शासन प्रणाली का आरंभ पूर्व वैदिक काल से ही हो गया था।प्राचीनकाल से ही भारत में सुदृढ़ लोकतांत्रिक व्यवस्था विद्यमान थी। इसके साक्ष्य प्राचीन साहित्य, सिक्कों और अभिलेखों से प्राप्त होते हैं।

लोकतंत्र के प्रकार

सामान्यत: लोकतंत्र-शासन-व्यवस्था दो प्रकार की मानी जानी है -

  1. विशुद्ध या प्रत्यक्ष लोकतंत्र तथा
  2. प्रतिनिधि सत्तात्मक या अप्रत्यक्ष लोकतंत्र

प्रत्यक्ष लोकतंत्र किसे कहते हैं?

वह शासनव्यवस्था जिसमें देश के समस्त नागरिक प्रत्यक्ष रूप से राज्यकार्य संपादन में भाग लेते हैं प्रत्यक्ष लोकतंत्र कहलाती हैं। इस प्रकार का लोकतंत्र में लोकहित के कार्यो में जनता से विचार विमर्श के पश्चात ही कोई फैसला लिया जाता है। प्रसिद्ध दार्शनिक रूसो ने ऐस लोकतंत्र को ही आदर्श व्यवस्था माना है।

इस प्रकार का लोकतंत्र प्राचीन यूनान के नगर राज्यों में पाया जाता था। वर्तमान में स्विट्जरलैंड में प्रत्यक्ष लोकतंत्र चलता है। यूनानियों ने अपने लोकतंत्रात्मक सिद्धांतों को केवल अल्पसंख्यक यूनानी नागरिकों तक ही सीमित रखा। यूनान के नगर राज्यों में बसनेवाले दासों, विदेशी निवासियों तथा स्त्रियों को राजनीतिक अधिकारों से वंचित रखा गया था।

अप्रत्यक्ष लोकतंत्र किसे कहते हैं?

आजकल ज्यादातर देशों में प्रतिनिधि लोकतंत्र या अप्रत्यक्ष लोकतंत्र का ही प्रचार है जिसमें जनभावना की अभिव्यक्ति जनता द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा की जाती है।

जनता का शासन व्यवस्था और कानून निर्धारण में कोई योगदान नहीं होता तथा जनता स्वयं शासन न करते हुए निर्वाचन पद्धति के द्वारा चयनित शासन प्रणाली के अंतर्गत निवास करती है। इस प्रकार की व्यवस्था को ही आधुनिक लोकतंत्र का मूल विचार बताने वालों में मतभेद है।