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गैल्वेनिक सेल क्या है? | बनावट

गैल्वेनिक सेल क्या है? | बनावट

हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको गैल्वेनिक सेल के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।

गैल्वेनिक सेल किसे कहते हैं?

वह युक्ति जिसकी सहायता से रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है। उसे विद्युत रासायनिक सेल या गैल्वेनिक सेल या वोल्टीय सेल कहा जाता है। इस सेल का निर्माण एलेसांद्रो वोल्टा ने सन् 1780 में किया था।

दूसरे शब्दों में इसे हम कहे तो, वह सेल जो रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है उसे ही हम गैल्वेनिक सेल कहते हैं। इसमें Zn एनोड और Cu कैथोड का काम करता है।

गैल्वेनिक सेल की बनावट

इन सेलो में दो विद्युत अपघटनी विलयन के पात्र होते हैं इस पात्र में दो प्रकार के इलेक्ट्रोड धातु की छड़ डूबी रहती है इन इलेक्ट्रोडो को किसी धातु के तार द्वारा जोड़ने पर एक इलेक्ट्रॉन पर ऑक्सीकरण की क्रिया होती है और दूसरे पर अपचयन की क्रिया होती है। क्रियाओं के परिणामस्वरूप विद्युत धारा उत्पन्न होती है।

जिस इलेक्ट्रोड पर अपचयन होता है उसे कैथोड कहते हैं और जिस इलेक्ट्रोड पर ऑक्सीकरण की क्रिया होती है उसे हम एनोड कहते हैं। कैथोड को हम गैल्वेनिक सेल सेल का धन ध्रुव कहते हैं, क्योंकि इसी ध्रुव पर दूसरे ध्रुव से इलेक्ट्रॉन आते हैं और और एनोड को गैल्वेनिक सेल का ऋण ध्रुव कहते है, क्योंकि इसी ध्रुव से इलेक्ट्रॉन कैथोड की ओर आते है।

गैल्वेनिक सेल को हम अर्द्ध सेलो का बना हुआ भी कह सकते हैं। जिसमें प्रत्येक इलेक्ट्रोड एक अर्द्ध सेल सेल की भांति काम करता है। इसलिए हम इसे कह सकते हैं कि प्रत्येक इलेक्ट्रोड पर होने वाली अभिक्रियाए अर्द्ध सेल अभिक्रियाए कहलाती है।

विद्युत अपघटनी सेल तथा गैल्वेनिक सेल में अंतर

विद्युत अपघटनी सेल गैल्वेनिक सेल
1. यह सेल विद्युत ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करती है। यह सेल रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
2. इसके बाहरी परिपथ में बैटरी या अन्य विद्युत ऊर्जा का स्त्रोत लगाना आवश्यक होता है। इस सेल में किसी बाहरी स्त्रोत की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
3. इस सेल में एनोड धन ध्रुव और कैथोड ऋण ध्रुव होता है। इसमें एनोड ऋण ध्रुव और कैथोड धन ध्रुव होता है।
4. विद्युत अपघटनी सेल में लवण सेतु की आवश्यकता नहीं होती है। इस सेल में लवण सेतु की आवश्यकता होती है।
5. इसमें अपने आप रेडॉक्स की अभिक्रिया नहीं होती है। इसमें अपने आप रेडॉक्स की अभिक्रिया होती है।