हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको खुली और प्रच्छन्न बेरोजगारी के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
खुली बेरोजगारी किसे कहते हैं?
प्रच्छन्न बेरोजगारी किसे कहते हैं?
खुली और प्रच्छन्न बेरोजगारी के बीच महत्वपूर्ण अंतर
बेरोजगारी एक ऐसी समस्या है जिसका सामना विश्व के कई देश कर रहे हैं। इसे मुख्य रूप से दो प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है - खुली बेरोजगारी और प्रच्छन्न बेरोजगारी। इन दोनों बेरोजगारी के बीच मुख्य अंतर समझना आर्थिक और सामाजिक नीतियों को तैयार करने में महत्वपूर्ण होता है।
खुली बेरोजगारी
- इस बेरोजगारी में, व्यक्ति के पास कोई नौकरी नहीं है और वह अपनी आजीविका कमाने में असमर्थ है।
- यह दूसरों को स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
- यह बेरोजगारी शिक्षित बेरोजगारों में विद्यमान है।
- लोगों की बेरोजगारी एक अर्थव्यवस्था में वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन को प्रभावित करेगी।
- इसमें व्यक्ति काम करने को तैयार होता है, लेकिन काम नहीं मिल पाता।
प्रच्छन्न बेरोजगारी
- इस बेरोजगारी में व्यक्ति ऐसे स्थान पर कार्य करता है जहाँ अधिक लोगों की आवश्यकता नहीं होती है।
- यह बेरोजगारी छिपी है।
- यह बेरोजगारी ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि क्षेत्र में मौजूद है।
- लोगों की बेरोजगारी वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन को प्रभावित नहीं करेगी क्योंकि यहां पहले से ही आवश्यकता से अधिक श्रमिक हैं।
- इसमें व्यक्ति काम तो कर रहा है, लेकिन अपनी क्षमता से कम वेतन पर।
निष्कर्ष
खुली और प्रच्छन्न बेरोजगारी के बीच का अंतर समझना आर्थिक नीति निर्माताओं और समाजशास्त्रियों के लिए महत्वपूर्ण है। यह उन्हें न केवल रोजगार सृजन की योजनाएँ बनाने में मदद करता है बल्कि यह भी समझने में सहायता प्रदान करता है कि किस प्रकार के रोजगार सृजन की आवश्यकता है ताकि समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचाया जा सके।