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स्त्रियों के साथ भेदभाव के विभिन्न क्षेत्र

स्त्रियों के साथ भेदभाव के विभिन्न क्षेत्र

साधारणतया पर यह देखा गया है। कि भारतीय समाज में जीवन विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं तथा पुरुषों के बीच भेदभाव किया जाता है स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत इस स्थिति में काफी बदलाव आया है परंतु फिर भी स्थिति दयनीय बनी हुई है भारत में निम्नलिखित क्षेत्रों में लैंगिक अमानताएं देखने को मिलती है।

1-भारतीय समाज में बच्चों के पालन-पोषण मैंं अमानताएं दिखाई देती है बच्चो के पालन-पोषण के तथा गृहस्थी चलाने का संपूर्णण दायित्व महिलाओं का होता है पुरुष इस दायित्वव से मुक्तत होते क्योंकि वह घर से बाहर जाकर कार्य करते हैं।

स्त्रियों के साथ भेदभाव के विभिन्न क्षेत्र-
स्त्रियों के साथ भेदभाव के विभिन्न क्षेत्र-

2-महिलाएं घर का संपूर्ण कार्य करती हैं पुरुष इस कार्य में सहयोग प्रधान नहीं करते हैं जबकि पुरुष भी इन कार्योंयों को आसानी से कर सकते हैं।

3-आय के लिए सार्वजनिक विभाजन मेंं भी असमानता दिखाई देती है पुरुष यद्यपि घर गृहस्तीती के कार्य में रुचि नहींं लेते परंतु आया के लिए उन्हेंहें वही कार्य उन्हें घर की दहलीज के बाहर करना पड़ता है तो खुशी-खुशी उन कार्यों को करने के लिए तैयार हो जाते हैं जैसे सिलाई करना होटलों में खाना बनाना सफाई का कार्य करना आदि।

4-वर्तमान में स्त्रियां भी पुरुषों के समान घर के बाहर अनेक प्रकार के कार्य करती है परंतु उन्हें अपनी नौकरी के साथ घर गृहस्ती के कार्यों को भी पूर्ण करना होता है उनके कार्यों को अधिक मूल्यवान नहीं समझा जाता है तथा उन्हें रात दिन कार्य करने के उपरांत भी उसका श्रेय नहीं मिलता है

5-भारतीय समाज में लैंगिक असमानता विकास से संबंध क्षेत्रों में भी देखने को मिलता है अधिकांश महिलाएं घर परिवार खेतों अथवा कार्यालयों आदि में देकर गए विभाजन तथा भेदभाव के कारण घर की चहारदीवारी मैं सिमट कर रह गई है बाहर के सार्वजनिक जीवन पर पुरुषों का अधिकार स्थापित हो गया है

6-ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत मान्यताओं के आधार पर लड़कियां की तुलना में लड़कों को अधिक महत्व प्रदान किया जाता है लड़कों के लिए शिक्षा की व्यवस्था की जाती है जबकि लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए घर से बाहर नहीं भेजा जाता है इसलिए हमारे देश में महिलाओं का साक्षरता प्रतिशत कम है

7-राजनीतिक क्षेत्र में भी महिलाओं की भूमिका संतोषजनक नहीं है महिलाएं राजनीति में इसलिए भाग नहीं लेती है क्योंकि राजनीति में पुरुषों का दबदबा बना रहता है भारत की विधायिका में महिलाओं का प्रतिनिधित्व भी बहुत कम है राजनीतिक क्षेत्र में भी लैंगिक असमानता दिखाई देती है भारत की महिलाओं की राजनीति मैं भागीदारी अफ्रीका तथा लैटिन अमेरिका के अनेक विकासशील देशों से भी कम है परंतु वर्तमान में अनेक महिलाएं प्रधानमंत्री की पद पर विराजमान है

8-उच्च वेतन तथा उच्च पदों में भी पुरुषों तथा महिलाओं में असमानता दिखाई देती है भारत में वर्तमान में भी उच्च वेतन वाले पदों पर पहुंचने वाली महिलाओं की संख्या बहुत कम है

9-यह भी देखा गया है कि पुरुष तथा महिलाओं को समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं दिया जाता है महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कम वेतन दिया जाता है

10-भारतीय समाज पुरुष प्रधान समाज है अथवा परिवार में पुत्री के स्थान पर पुत्र की चाहत होती है लड़कियों की भ्रूण हत्या इसका परिणाम है भारत में लिंग अनुपात 1000 लड़कों पर गिरकर 927 लड़कियों का रह गया है।