हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको अपरूपता के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
अपरूपता की परिभाषा
किसी तत्व को दो या दो से अधिक मुक्त रूप में पाया जाना,जिन के रासायनिक गुण तो एक समान हो परंतु भौतिक गुण अत्याधिक भिन्न हो, अपरूपता कहलाता है।
एक ही तत्व के इन विभिन्न रूपों को अपरूप कहते हैं। कार्बन के दो अपरूप हैं - हीरा तथा ग्रेफाइट। हीरा तथा ग्रेफाइट रासायनिक रूप से एक समान है परंतु उनके भौतिक गुण अत्यधिक भिन्न हैं। कार्बन के अपरूपता ,हीरे तथा ग्रेफाइट के क्रिस्टलो में कार्बन परमाणु की भिन्न-भिन्न व्यवस्थाओं ( different arrangements) के कारण है।
हीरे के गुण
- हीरा एक बार दर्शक पदार्थ है जिसकी एक अद्वितीय चमक होती है।
- हीरा एक अत्याधिक कठोर पदार्थ है। वास्तव में हीरा, ज्ञात प्राकृतिक पदार्थों में से सबसे कठोर होता है।
- हीरा काफी भारी होता है। हीरे का विशिष्ट घनत्व 3.52 है।
- हीरा सभी विलायकों में अघुलनशील है।
- हीरे का अपवर्तनांक ( Refractive index) उच्च होता है इसलिए हीरे में बहुत अधिक चमक होती है। हीरे का यह गुण उसे आभूषणों में लगने वाला बहुमूल्य रत्न बना देता है।
उपयोग
- हीरे का उपयोग काटने के औजार ( cutting tools ) बनाने के लिए चट्टानों में छेद करने के लिए वेधन उपकरण ( drilling equipment) बनाने के लिए तथा पिसाई के यंत्र ( grinding machines ) बनाने के लिए किया जाता है। हीरे के यह सब उपयोग उसकी अत्याधिक कठोरता के कारण है।
- नुकीले शेरों वाले हीरो का उपयोग आंखों के शल्य चिकित्सकों द्वारा आंखों से मोतिया बिंदु निकालने के लिए एक औजार के रूप में किया जाता है। जीरे के उपयोग से मोतियाबिंद के ऑपरेशन अत्याधिक दक्षता तथा सूक्ष्मता से संपन्न किया जा सकते हैं।
- हीरो का उपयोग आभूषण बनाने में किया जाता है।हीरो का यह उपयोग उनके इस गुण के कारण है कि उनमें प्रकाश का अपवर्तन तथा परावर्तन करने की अद्भुत क्षमता होती है। जिससे उन्हें अद्वितीय चमक प्राप्त हो जाती है।