हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको दबाव समूह और राजनीतिक दल में अंतर के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
दबाव समूह तथा राजनीतिक दल में अंतर
दबाव समूह और राजनीतिक दल में निम्नलिखित अंतर पाए जाते हैं -
1-राजनीतिक दल का कार्य क्षेत्र बहुत विस्तृत होता है हमें राष्ट्रीय स्तर तक फैली हुई होते हैं जबकि दबाव समूह का कार्य क्षेत्र सीमित होता है क्योंकि क्षेत्र विशेष की समस्याओं से संबंधित होते हैं परंतु कुछ दबाव समूह का स्वरूप राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय भी होता है।
2-राजनीतिक दल विस्तृत विचारधारा हूं तथा सिद्धांतों पर आधारित होते हैं जबकि दबाव समूह संकीर्ण विचारों पर आधारित होते हैं यह विभिन्नध्यमों से अपनी स्वार्थ पूर्ति क मारना चाहते हैं।
3-राजनीतिक दलों के सदस्यों की संख्या लाखों में होती है जबकि दबाव समूह आकार की दृष्टि से छोटा संगठन होता है।
4-राजनीतिक दलों की सदस्यता एकल होती है क्योंकि एक समय पर एक व्यक्ति केवल एक ही राजनीतिक दल का सदस्य बन सकता है जबकि दबाव समूह की सदस्यता बहुल भी हो सकती है क्योंकि हितों अथवा पेशे के आधार पर एक व्यक्ति एक ही समय में एक से अधिक दबाव समूह का सदस्य बन सकता है।
5-राजनीतिक दलों की प्रकृति राजनीतिक होती हैं वह राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेते हैं चुनाव में भाग लेते हैं तथा राजनीतिक सत्ता को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं जबकि दबाव समूह की प्रकृति अराजनीति होती है। वी राजनीति में भाग नहीं लेते हैं उनका उद्देश्य सत्ता को प्राप्त करना नहीं होता है वरन अपनी मांगों को मनवाने के लिए सरकार पर दबाव डालना होता है।
7-राजनीतिक दलों द्वारा नीतिगत निर्णय लिए जाते हैं जबकि दबाव समूह द्वारा लचीले निर्णय लिए जाते हैं यह समय तथा परिस्थितियों के अनुरूप परिवर्तित होते रहते हैं।
दबाव समूह की गतिविधियों की उपयोगिता
1-लोकतंत्र में शासन की निरंकुशता का विरोध किया जाता है यदि सरकार जनविरोधी तथा अपनी हित पूर्ति के कानूनों का निर्माण करती है तो विरोधी दलों द्वारा इसका विरोध किया जाता है राजनीतिक दलों का मजबूत करने के उद्देश्य से दबाव समूह प्रशासन की अनुचित नीतियों की आलोचना करते हैं दबाव समूह की उपस्थिति लोकतंत्र को अधिक मजबूत बनाती है।
2-दबाव समूह के कारण लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हुई है शासकों के ऊपर दबाव डालना लोकतंत्र में कोई आशिक कर गतिविधि नहीं है यदि इसका लाभ सभी को प्राप्त हो।
3-दबाव समूह सामान्य तो जनता की आवश्यकताओं को सरकार के सम्मुख प्रस्तुत करते हैं सरकारें धनी तथा शक्तिशाली लोगों के अनुचित दबाव में आकर बहुत संख्यक ओं के हितों को हानि पहुंचा सकती है अथवा दबाव समूह जनसाधारण के हित में सरकार के ऊपर दबाव डालकर उपयोगिता भूमिका निभा सकते हैं।