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भू संसाधन तथा कृषि फसल

भू संसाधन तथा कृषि फसल

हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको मुख्य कृषि फसल के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।

मुख्य कृषि फसल

मिट्टी(Soil), जलवायु और कृषि(Agriculture) पद्धति में अंतर के कारण देश के विभिन्न क्षेत्रों(Area) में अनेक प्रकार की खाद्य और अखाद्य(Inedible) कृषि फसल उगाई जाती हैं। भारत में उगाई जाने वाली मुख्य(Main) कृषि फसल- चावल, गेहूं, मोटे अनाज, दाले(Dals), चाय, कॉफी, गन्ना, तिलहन, कपास और जूट(jute) इत्यादि है।

चावल

भारत में अधिकांश लोगों का खाद्यान्न चावल है। हमारा देश चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है।

भू संसाधन तथा कृषि फसल Ncert Class 10 पाठ-4

यह एक खरीफ की कृषि फसल हैं। जिसे उगाने के लिए उच्च तापमान (25 डिग्री सेल्सियस से ऊपर) और अधिक आद्रता (100 सेंटीमीटर से अधिक वर्षा) की आवश्यकता होती है। कम वर्षा वाले क्षेत्रों(Area) में इसे सिंचाई करके उगाया (grow) जाता है।

चावल(Rice) उत्तर और उत्तर पूर्वी मैदानों, तटीय क्षेत्रों (Area) और डेल्टाई प्रदेशों(State) में उगाया जाता है। नहरों के जल और नलकूपों(Tube wells) की सघनता के कारण पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश(State) और राजस्थान के कुछ कम वर्षा वाले क्षेत्रों(Area) में चावल की कृषि फसल उगाना(Grow) संभव हो पाया है।

गेहूं

गेहूं(Wheat) भारत की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण (Important) कृषि फसल हैं। जो देश के उत्तर और उत्तर पश्चिमी भागों में पैदा की जाती है। रबी(Rabi) की कृषि फसल(crop) को उगाने के लिए शीत ऋतु और पकने के समय खिली धूप की आवश्यकता होती है। इसे उगाने के लिए समान रूप से वितरित 50 से 75 सेंटीमीटर वार्षिक वर्षा की आवश्यकता होती हैं।

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देश में गेहूं उगाने वाले दो मुख्य क्षेत्र है- उत्तर- पश्चिमी में गंगा- सतलुज का मैदान और दक्कन का काली मिट्टी वाला प्रदेश। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान(RJ) के कुछ भाग गेहूं(Wheat) पैदा करने वाले मुख्य(Main) राज्य हैं।

मोटे अनाज (Millets)

ज्वार, बाजरा और रागी भारत में उगाए जाने वाले मुख्य मोटे अनाज है। यद्यपि इन्हें मोटा अनाज कहा जाता है परंतु इनमें पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है। उदाहरणतया, रागी में प्रचुर मात्रा में लोहा(iron), कैल्शियम, सूक्ष्म पोषक और भुसी मिलती है। क्षेत्रफल और उत्पादन(production) की दृष्टि से ज्वार देश(Country) की तीसरी महत्वपूर्ण खाद्यान्न (Food grains) फसलें हैं। यह कृषि फसल वर्षा पर निर्भर होती हैं। अधिकतर आद्र क्षेत्रों(Area) में उगाए जाने के कारण इसके लिए सिंचाई(Irrigation) की आवश्यकता नहीं होती हैं। इसके प्रमुख उत्पादक(Manufacturer) राज्य महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश है।

बाजरा

यह बलुआ और उथली(Shallow) काली मिट्टी पर उगाया जाता है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और हरियाणा इसके मुख्य उत्पादक(Manufacturer) राज्य है। रागी शुष्क प्रदेशों(State) की फसले है और यह लाल, काली, बलुआ, दोमट और उथली काली मिट्टी पर अच्छी तरह उगाई जाती है। रागी के प्रमुख उत्पादक राज्य कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, झारखंड अरुणाचल प्रदेश है।

मक्का

यह एक ऐसी फसल है जो खाद्यान्न व चारा दोनों रूप में प्रयोग होती है। यह एक खरीफ कृषि फसल हैं जो 21 डिग्री सेल्सियस से 27 डिग्री सेल्सियस तापमान में और पुरानी जलोढ़ मिट्टी(Alluvium) पर अच्छी प्रकार से उगाई जाती है। बिहार जैसे कुछ राज्यों(State) में मक्का रबी की ऋतु में भी उगाई(Grow) जाती है।

आधुनिक प्रौद्योगिकी निवेशो जैसे उच्च पैदावार देने वाले बीजों, उर्वरकों और सिंचाई के उपयोग से मक्का का उत्पादन बढ़ा है। कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना मक्का के मुख्य उत्पादक राज्य है।

दाले

भारत विश्व में दालों(pulse) का सबसे बड़ा उत्पादक तथा उपभोक्ता देश है। शाकाहारी(Vegetarian) खाने में दाले सबसे अधिक प्रोटीन(Protein) दायक होती है। तूर(अरहर), उड़द, मूंग, मसूर, मटर और चना भारत की मुख्य दलहनी(Pulses) कृषि फसल हैं। क्या आप बता सकते हैं कि इनमें से कौनसी दालें खरीफ(Cash crop) में और कौनसी दालें रबी में उगाई(Grow) जाती है? दालों को कम नमी(Moisture) की आवश्यकता होती है और इन्हें शुष्क परिस्थितियों में भी उगाया(Grow) जा सकता है। फलीदार फसलें होने के नाते अरहर(Pigeon pea) को छोड़कर अन्य सभी दाले वायु से नाइट्रोजन लेकर भूमि की उर्वरता को बनाए रखती है। अतः इन फसलों को आमतौर पर अन्य फसलें को आमतौर पर अन्य फसलों के आवर्तन(Rotating) में बोया जाता है। भारत में मध्य प्रदेश(M.P), राजस्थान, महाराष्ट्र, उतर प्रदेश(U.P) और कर्नाटक दाल(Pulses) के मुख्य उत्पादक राज्य है।

खाद्यान्नों के अलावा अन्य खाद्य कृषि फसल

गन्ना

गन्ना एक उष्ण और उपोष्ण कटिबंधिय फसल है। यह कृषि फसल 21 डिग्री सेल्सियस से 27 डिग्री सेल्सियस तापमान और 75 सेंटीमीटर से 100 सेंटीमीटर वार्षिक वर्षा वाली उष्ण और आर्द्र जलवायु में बोई(sow) जाती है। कम वर्षा वाले प्रदेशों में सिंचाई(Irrigation) की आवश्यकता होती है। इसे अनेक मिट्टियों(Soil) में उगाया जा सकता है तथा इसके लिए बुआई(Sowing) से लेकर कटाई तक काफी शारीरिक श्रम(physical effort) की आवश्यकता होती है।

ब्राजील के बाद भारत गन्ने का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। यह चीनी, गुड़, खांडसारी और शीरा बनाने के काम आता है। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना(Ts), बिहार, पंजाब(Punjab), और हरियाणा(HR) गन्ना के मुख्य(Main) उत्पादक राज्य है।

तिलहन

2015 में भारत विश्व में चीन के बाद दूसरा बड़ा तिलहन उत्पादन देश था। सन 2015 में तोरिया के उत्पादन में भारत का विश्व में कनाडा और चीन के बाद तीसरा(3rd) स्थान था। देश में कुल बोए गए क्षेत्र(Area) के 12% भाग पर कई तिलहन की कृषि फसल उगाई(Grow) जाती हैं। मूंगफली, सरसों, नारियल, तिल, सोयाबीन(Soybean), अरंडी, बिनौला, अलसी और सूरजमुखी भारत में उगाई जाने वाली मुख्य तिलहनी कृषि फसल हैं। इनमें से अधिकतर खाध है और खाना बनाने में प्रयोग किए जाते हैं। परंतु इनमें से कुछ तेल के बीजों को साबुन(soap), (प्रसाधन का श्रृंगार) और उबटन उद्योग में कच्चे माल(Raw material) के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। मूंगफली(peanut) खरीफ की कृषि फसल हैं तथा देश में मुख्य तिलहनों(Oilseeds) के कुल उत्पादन(production) का आधा भाग इसी फसल से प्राप्त होता है।

गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु और महाराष्ट्र मूंगफली (peanut) के मुख्य उत्पादक राज्य है। अलसी और सरसों(Mustard) रबी की कृषि फसल हैं। तिल उत्तरी भारत में खरीफ की कृषि(Krashi) फसल है और दक्षिणी भारत में रबी की। अरंडी(Castor), खरीफ और रबी दोनों ही फसलें ऋतु(Season) में बोया जाता है।

चाय

चाय की खेती रोपण(Planting) कृषि का एक उदाहरण है। यह एक महत्वपूर्ण(Important) पेय पदार्थ की कृषि फसल है जिसे शुरुआत(Beginning) में अंग्रेज भारत में लाए थे। आज अधिकतर चाय बागानों(Gardens) के मालिक भारतीय हैं। चाय का पौधा उष्ण और उपोष्ण कटिबंधिया जलवायु और जीवांश युक्त गहरी मिट्टी तथा सुगम जल निकास वाले ढलवा क्षेत्रों में भली-भांति उगाया जाता है। चाय की झाड़ियों को उगाने(Grow) के लिए वर्षभर कोष्ण, नम(Moist) और पालारहित जलवायु (Climate) की आवश्यकता होती है।

वर्ष भर समान रूप से होने वाली वर्षा की बौछारें इसकी कोमल पत्तियों के विकास में सहायक होती है। चाय एक श्रम सघन उद्योग है। इसके लिए प्रचुर मात्रा में सस्ता और कुशल श्रम चाहिए। इसकी ताजगी(Freshness) बनाए रखने के लिए चाय की पत्तियां बागान(Plantation) में ही संसाधित की जाती है। चाय के मुख्य उत्पादक क्षेत्रों(Area) में असम, पश्चिमी बंगाल(WB) में दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी जिलों(District) की पहाड़ियां, तमिलनाडु(TN) और केरल(KL) है। इनके अलावा हिमाचल प्रदेश(HP), उत्तराखंड(UK), मेघालय(ML), आंध्र प्रदेश और त्रिपुरा आदि राज्यों(State) में भी चाय(Tea) उगाई जाती है। सन 2015 में भारत विश्व में चीन(China) के बाद दूसरा बड़ा चाय उत्पादक(Manufacturer) देश था।

कॉफी

भारतीय कॉफी अपनी गुणवत्ता(Quality) के लिए विश्वविख्यात है। हमारे देश में अरेबिका(Arabica) किस्म की कॉफी(Coffee) पैदा की जाती है जो आरंभ में यमन (Yemen) से लाई गई थी। इस किस्म(Variety) की कॉफी कि विश्व भर में अधिक मांग(Demand) है। इसकी कृषि फसल की शुरुआत बाबा बुदन पहाड़ियों(Hill) से हुई और आज भी इसकी खेती(farming) नीलगिरी की पहाड़ियों के आसपास कर्नाटक(KA), केरल(KL) और तमिलनाडु(TN) में की जाती है