Ammeter in hindi: अमीटर क्या है, अमीटर धारामापी के समानांतर क्रम में शंट लगाकर अमीटर बनाया जाता है तथा अमीटर की सहायता से विद्युत धारा का मान एम्पीयर में ज्ञात किया जाता है। एक आदर्श अमीटर (ideal ammeter) का प्रतिरोध शून्य होता है और अमीटर को विद्युत परिपथ के श्रेणी क्रम में लगाया जाता है।
अमीटर क्या है?
दोस्तों अमीटर क्या है इसको अन्य परिभाषा से भी जान लेते हैं, अमीटर वह यंत्र होता है, जो किसी विद्युत परिपथ में बहने वाली धारा को सीधे एंपियर या मिली एंपियर अथवा माइक्रो एम्पीयर में नापता है।
अमीटर का उपयोग
- अमीटर की सहायता से किसी विद्युत धारा परिपथ में उसकी धारा का मान किया जाता है।
- विद्युत धारा को एम्पीयर में मापा जाता है इसलिए मिलिम्पियर और माइक्रोमीटर रेंज में छोटी धाराओं को मापने के लिए भी अमीटर का उपयोग किया जाता है।
अमीटर में बरती जाने वाली सावधानियां
दोस्तों मैंने आपको बता दिया है कि अमीटर क्या है, तो अब जान लेते है इसमें बरतने वाली सावधानियां भी क्या है। अमीटर को सदैव विद्युत परिपथ में श्रेणी क्रम (series order) में इस प्रकार लगाया जाता है कि इस पर + अंकित सिरा बैटरी का धनात्मक सिरे की ओर हो।
यदि भूल से भी आमीटर को परिपथ में समांतर क्रम में जोड़ दिया जाता है तो इसका प्रतिरोध (resistance) बहुत कम होने के कारण इससे होकर परिपथ की अधिकांश धारा बह जाएगी जिससे एकदम अत्यधिक विक्षेप के कारण इसकी कुंडली व संकेतक क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
धारामापी का अमीटर में रूपांतरण
- धारामापी का अमीटर में रूपांतरण करने के लिए उसके समांतर क्रम में एक उत्पन्न सूक्ष्म प्रतिरोध का तार (micro resistance coil) लगा दिया जाता है जिसे शंट कहते हैं।
- किसी परिपथ में प्रतिरोध का संयोजन समांतर क्रम में करने में करने का यह उद्देश्य होता है कि पूरे परिपथ का समतुल्य प्रतिरोध उन दोनों प्रतिरोध से भी छोटा हो जाए।
- अमीटर का प्रतिरोध लगभग शून्य होता है अर्थात अमीटर का उद्देश्य होता है कि परिपथ की धारा को बिना काम किए पूरा-परिपथ की धारा को बिना काम किए पूरा माप सके माप सके।
- इसी कारण धारामापी को अमीटर में रूपांतरित करने के लिए उसका प्रतिरोध यानी गैल्वेनोमीटर का कम करने के लिए उसके समांतर क्रम (parallel sequence) में एक अत्यंत कम ताप का प्रतिरोध जोड़ दिया जाता है, ताकि परिपथ का समतुल्य प्रतिरोध और भी कम हो जाये।
ध्यान देने योग्य बातें
- गैल्वेनोमीटर यानी धारामापी की अपेक्षा अमीटर अधिक धारा का माप ज्ञात कर सकता है।
- शंट लगाने से मापन की परास बढ़ जाती है तथा सुग्राहीता घट जाती हैं।