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भूकंप की परिभाषा क्या है?

भूकंप की परिभाषा क्या है?

हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको भूकंप के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।

भूकंप की परिभाषा

पृथ्वी की सतह से कुछ किलोमीटर तक गहराई में स्थित चट्टानों में उपस्थित दरारों, कमजोर सतह में परस्पर गति, स्थित वस्तु में हिलने लगे, सामान्यतः भूकंप कहलाता है।

भूकंप की परिभाषा क्या है
भूकंप की परिभाषा क्या है

भूकंप के आगमन तथा इसकी चेतावनी

भूकंप एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है जिसका पूर्वानुमान लगाना आज के वैज्ञानिक युग में भी संभव नहीं हुआ है तथापि इस दिशा में शोध कार्य एवं वैज्ञानिक प्रयास जारी है। इसका आगमन कभी भी तथा कहीं भी आकस्मिक रूप से हो सकता है। अतः इसके विषय में सही-सही चेतावनी नहीं दी जा सकती है। फिर भी नियम लिखित प्रणाली के आधार पर इस दिशा में कार्य किया जा सकता है।

  1. किसी क्षेत्र में हो रही भूगर्भीय गलियों से उस क्षेत्र में हो रहे भू आकृतिक परिवर्तन जैसे-भूस्खलन आका अधिक होते रहना, नदियों के मार्ग में असमानता उत्पन्न होगा, भूमि ऊपर नीचे होते रहना आदि।
  2. ऐसे चित्र जहां भूकंप मापी यंत्र लगे हो,वहां विभिन्न भूगर्भीय को रिकॉर्ड किया जाए।ऐसे चित्र जहां औसत भूकंप कई वर्षों तक आधे रहने पर सूक्ष्म भूकंप झटकों का आना बंद हो गया हो तो उन क्षेत्रों में बड़े भूकंप आने की प्रबल संभावना होती है।

भूकंप के विशिष्ट प्रभाव

भूकंप आकस्मिक रूप से उत्पन्न होने वाली प्राकृतिक आपदा है। इससे प्राकृतिक और प्राणी समाज पर विशिष्ट प्रभाव पड़ते हैं। इस प्रकार की कुछ प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित हैं।

  1. भूकंप मानव सभ्यता के शत्रु होते हैं।ऐतिहासिक पृष्ठों पर ऐसी कई घटनाएं अंकित हैं जिनमें मानव सभ्यता भूकंप के कारण विलुप्त हो गई हैं।
  2. भूकंप से जन धन की अपार क्षति होती है। इससे कई आवासीय बस्तियों, मनुष्य, पशु और वनस्पति नष्ट हो जाती है।
  3. समुद्र तटीय क्षेत्रों में जब भूकंप आता है तो समुंदर में ऊंची ऊंची लहरें उठ कर तटीय क्षेत्रों को नष्ट कर देती है।
  4. पर्वतीय क्षेत्रों में भूकंप आने पर भूस्खलन की बारंबारता में वृद्धि होने से जानमाल की भारी क्षति होती है।
  5. कई बार भूकंप के कारण नदी की धारा स्थाई रूप से परिवर्तित हो जाती है जिससे बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो जाता है।
  6. छिपे खनिज आसानी से धरातल के ऊपर आ जाते हैं।

भूकंप के आने पर जोखिम के तत्व

मानव समाज के लिए भूकंप सविनाशकारी घटना होती है।किंतु विनाश का आकलन भूकंप की तीव्रता तथा जोखिम से बचाव के लिए किए गए उपायों पर निर्भर होता है। भूकंप आने पर जोखिम के निम्नलिखित तत्व ऐसे हैं जो भूकंप से होने वाली क्षति को प्रभावित करते हैं।

  1. गृह निर्माण में प्रयुक्त की गई सामग्री एवं तकनीकी-सामग्री द्वारा किया गया है तो जोखिम कम रहता है।
  2. मकानों की बनावट, नींव की मिट्टी तथा मकानों का नक्शा आदि भी ऐसे ही तो है जो जोखिम को प्रभावित करते हैं।

भूकंप के प्रकार

भूकंप के विभिन्न प्रकार हैं जिन्हें देखा गया है:

  • विवर्तनिक भूकंप: यह भूकंप का सबसे सामान्य रूप है। यह आम तौर पर पृथ्वी की क्रस्ट में मौजूद प्लेटों की गति के कारण होता है, जिन्हें टेक्टोनिक प्लेट कहा जाता है।
  • ज्वालामुखीय भूकंप: टेक्टोनिक भूकंप की तुलना में इस प्रकार का भूकंप कम सामान्य है। इस प्रकार के भूकंप ज्वालामुखी के विस्फोट से पहले या बाद में आते हैं। यह आम तौर पर मैग्मा के ज्वालामुखी से निकलने के कारण आता है, जो चट्टानों द्वारा सतह पर धकेला जाता है।
  • संक्षिप्त भूकंप: इस प्रकार का भूकंप भूमिगत खानों में आता है। मुख्य कारण चट्टानों के भीतर उत्पन्न दबाव हो सकता है।
  • विस्फोटक भूकंप: इस प्रकार का भूकंप कृत्रिम प्रकृति का होता है, जिसका अर्थ है कि यह मानव निर्मित गतिविधियों द्वारा उत्पन्न होता है। परमाणु विस्फोट जैसे जमीन पर उच्च-घनत्व विस्फोट, विस्फोटक भूकंप का प्राथमिक कारण हैं।

भूकम्प के सामान्य लक्षण

  1. भूकम्प पृथ्वी का कम्पन है। इसके तहत पृथ्वी की पपड़ी के नीचे अचानक चट्टानों का स्थानान्तरण होता है। 
  2. भूकम्प सामान्यत: पृथ्वी के कमजोर क्षेत्र में आते हैं। ये मुख्यतय: मोड़दार पर्वतों के क्षेत्र, महाद्वीपीय तथा महासागरीय प्लेट के मिलनबिन्दु, भ्रंश तथा दरार घाटी में घाटी है। 
  3. भूकम्प एक अप्रत्याशित घटना है। इसके घटित होने के समय तथा स्थान के बारे में पूर्वानुमान और भविष्यवाणी करना विज्ञान के लिए भी चुनौती है। 
  4. भूकम्प का प्रभाव व्यापक क्षेत्र में होता है। इसमें बड़े-बड़े भवन ढह जाते हैं, लोग घायल हो जाते हैं और कुछ मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं।
  5. भूकम्प की उत्पत्ति कई कारण ों से होती है, जैसे ज्वालामुखी क्रिया, पृथ्वी का सिकुड़ना, प्लेटों का खिसकाव तथा पृथ्वी के साथ मानव की छेड़छाड़ आदि। 
  6. भूकम्प सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्रों में आते हैं। ऐसे भूकम्प ज्वालामुखी गैंसों के बढ़ते हुए दबाव के प्रभाव से उत्पé होते हैं। ऐसे भूकम्प सामान्यतय: कम विनाशकारी होते हैं, लेकिन कभी-कभी विनाशकारी भी हो जाते हैं। 
  7. भूकम्प चट्टानों में तनाव के कारण आते हैं। तनाव के कारण चट्टाने टूट जाती है तथा अचानक पुन: अपने स्थान पर आने की कोशिश करती हैं। इसी कारण कम्पन होता है।