हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको दबाव के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
दबाव की परिभाषा
किसी सतह के इकाई क्षेत्रफल पर लंबवत कार्य करने वाले बल को दबाव कहते हैं। दबाव को p द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
दबाव की इकाइयां
मीट्रिक प्रणाली दबाव की इकाई किग्रा. प्रति वर्ग सेमी (kg/cm2) होती है। S.I. पद्धति में दाब की इकाई न्यूटन प्रति वर्ग (N/M2) होती है जिसे पास्कल भी कहते हैं।
वायवीय दबाव
वायवीय दाब ऐसा दाब है जो दबित ( pressurized) गैस के द्वारा लगाया जाता है। इस उद्देश्य के लिए संकुचित या दवाई हुई गैस (compressed gas) उपयोग की जाती है।वायवीय दबाव का उपयोग वायवीय सिस्टम (pneumatic system ) में किया जाता है।
वायुमंडलीय दबाव
पृथ्वी के चारों और लगभग 500 किमी ऊंचाई तक उपस्थित वायु तथा अन्य देशों के आवरण द्वारा पृथ्वी पर डाले जाने वाले लंबवत बल को वायुमंडलीय दबाव कहते हैं। यह गैसे मुख्य तो ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड तथा हाइड्रोजन होती है।
द्रव में डूबी हुई वस्तु पर दबाव
यदि द्रव में कोई वस्तु H गहराई पर हो तथा द्रव का घनत्व d हो तो उस बिंदु पर द्रव के कारण दबाव p = h.d.g होगा। यदि द्रव के तल पर लगने वाले वायुमंडलीय दबाव को भी सम्मिलित कर लिया जाए तो
द्रव में वस्तु का कुल दबाव = वायुमंडलीय दबाव + h.d.g
दबाव के प्रकार
दबाव तीन प्रकार के होते हैं -
1.गैज दबाव
2.निरपेक्ष दबाव
3.निर्वात दबाव
गेज दबाव
दबाव नापने वाले यंत्रों द्वारा नापा गया दबाव गेज दबाव कहलाता है।
निरपेक्ष दबाव
सोनिया दबाव से ऊपर मापा गया दबाव निरपेक्ष दबाव कहलाता है। यहां परम दबाव भी कहलाता है।
निर्वात दबाव
वायुमंडलीय दबाव से कम दबाव निर्मित दबाव कहलाता है। इस दबाव को चूषण दबाव भी कहते हैं।
निरपेक्ष दबाव = वायुमंडलीय दबाव+ गैज दबाव