हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको विद्युत धारा के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
विद्युत धारा के बारे में
किसी चालक में एकांक समय में प्रवाहित आवेश को विद्युत धारा कहते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो किसी चालक में आवेश प्रवाह की दर को वैद्युत धारा कहते हैं तथा वैद्युत प्रवाह को i से प्रदर्शित करते हैं। अर्थात् वैद्युत धारा i = q/t या q = it एम्पियर सेकंड
मात्रक
विद्युत धारा का मात्रक एंपियर होता है। एम्पियर की परिभाषा– i = q/t, यदि q = 1 कूलाम, t = सेकंड हो तो i = 1 एम्पियर (A), किसी चालक में 1 सेकंड में प्रवाहित आवेश एक कूलाम हो तो उसमें प्रवाहित धारा 1 एंपियर होती है।
विद्युत धारा की दिशा
यद्यपि विद्युत धारा एक अदिश राशि है परंतु फिर भी वैद्युत परिपथो में इसकी दिशा ली जाती है। वैद्युत प्रवाह की दिशा सदैव इलेक्ट्रॉनों की गति की दिशा के विपरीत ओर होती है।
विद्युत धारा का मापन
वैद्युत धारा को अमीटर के द्वारा मापा जाता है। अमीटर को सदैव परिपथ के श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है। इसमें सदैव अमीटर के धन सिरे को बैटरी के धन सिरे से जोड़ते हैं।
धारा घनत्व
किसी चालक में किसी बिंदु पर प्रति एकांक क्षेत्रफल से अभिलम्बवत गुजरने वाले वैद्युत प्रवाह को उस बिंदु पर धारा घनत्व कहते हैं।
यदि चालक में प्रवाहित धारा i तथा क्षेत्रफल A हो तो, धारा घनत्व j = i/A, धारा घनत्व एक सदिश राशि है। और इसे j द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। धारा घनत्व का सूत्र एम्पियर/ मीटर² होता है। इसकी विमा [AL⁻²] होती है। धारा घनत्व की विमा को निकालने का तरीका j = i/A = [A]/[L]², j की विमा = [AL⁻²]
विद्युत धारा का उष्मीय प्रभाव
किसी चालक तार में वैद्युत प्रवाह प्रवाहित करने पर वह गर्म होने लगता है, इसे वैद्युत धारा का उष्मीय प्रभाव कहते हैं। वैद्युत धारा के उष्मीय प्रभाव पर आधारित उपकरण, वैद्युत बल्ब, वैद्युत प्रेस, वैद्युत हीटर, वैद्युत आर्क आदि होते हैं।