हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको विद्युत फ्लक्स के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
विद्युत फ्लक्स के बारे में
विद्युत क्षेत्र में स्थित किसी पृष्ठ से अभिलंबवत् दिशा (vertical direction) में गुजरने वाली कुल विद्युत क्षेत्र रेखाओ की संख्या को उस पृष्ठ के संबंध विद्युत फ्लक्स (Electric flux) कहते हैं। इसे अक्षर ∅ से प्रदर्शित करते हैं। विद्युत फ्लक्स एक अदिश राशि है। यह धनात्मक, ऋणात्मक अथवा शून्य भी हो सकता है।
यदि वैद्युत क्षेत्र रेखाएं किसी बंद पृष्ठ के अंदर प्रवेश करती है तो वैद्युत फ्लक्स को ऋणात्मक मानते हैं तथा यदि क्षेत्र रेखाएं बंद पृष्ठ से बाहर निकलती है, तो फ्लक्स को धनात्मक मानते हैं। यदि किसी पृष्ठ से बाहर निकलने वाली तथा पृष्ठ के अंदर प्रवेश करने वाली वैद्युत क्षेत्र रेखाओं की संख्या बराबर होती है तो उस पृष्ठ से सम्बध्द विद्युत फ्लक्स शुन्य होता है।
सम्बध्द विद्युत फ्लक्स
जैसा कि आप चित्र में देख सकते है कि पृष्ठ S₁ से सम्बध्द वैद्युत फ्लक्स ऋणात्मक, पृष्ठ S₂ से सम्बध्द विद्युत फ्लक्स धनात्मक तथा पृष्ठ S₃ से सम्बध्द विद्युत फ्लक्स शून्य हैं।
यदि किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता E है तो उस बिंदु पर विद्युत क्षेत्र के क्षेत्र के लम्बवत रखे एकांक क्षेत्रफल से होकर गुजरने वाली क्षेत्र रेखाओं की संख्या E होगी।
अब यदि वैद्युत क्षेत्र E के किसी बिंदु पर जैसा की आप चित्र में देख सकते हैं कि वैद्युत क्षेत्र लंबवत एक छोटा क्षेत्रफल ds हो तो इससे गुजरने वाली क्षेत्र रेखाओं की संख्या Eds होगी, अर्थात क्षेत्रफल ds से सम्बध्द विद्युत फ्लक्स
d∅ = Eds
अब यदि क्षेत्रफल अवयव ds इस प्रकार है कि विद्युत क्षेत्र E तथा क्षेत्रफल अवयव ds पर खींचे गए अभिलंब के बीच कोण ∅ है जैसा कि आप चित्र में देख सकते है, तो क्षेत्रफल अवयव ds का वैद्युत क्षेत्र E के लंबवत घटक ds cos ∅ होगा तथा तब क्षेत्रफल ds से सम्बध्द विद्युत फ्लक्स
d∅ = E ds cos∅ = E.ds
ध्यान रहे कि क्षेत्रफल ds एक सदिश राशि है जिसकी दिशा क्षेत्रफल के तल के लंबवत होती है, अतः यदि क्षेत्रफल अवयव ds, विद्युत क्षेत्र E के लंबवत है तो इसका अर्थ है कि क्षेत्रफल सदिश ds तथा विद्युत क्षेत्र E समानांतर है। इसी प्रकार, विद्युत क्षेत्र E तथा क्षेत्रफल अवयव ds पर खींचे गए अभिलंब के बीच कोण ∅ होने पर, क्षेत्रफल सदिश ds तथा विद्युत क्षेत्र E के बीच कोण ∅ होता है।
पृष्ठ से सम्बध्द विद्युत फ्लक्स
अतः वैद्युत क्षेत्र में स्थित किसी पृष्ठ से सम्बध्द विद्युत फ्लक्स ज्ञात करने के लिए उसे छोटे-छोटे भागों में बांटा जाता है। यदि किसी छोटे भाग का सदिश क्षेत्रफल ds है जिसकी दिशा पृष्ठ के लंबवत है जैसा कि आप चित्र चित्र में देख सकते हैं कि इस भाग से सम्बध्द फ्लक्स, विद्युत क्षेत्र E की दिशा में सदिश क्षेत्रफल ds के घटक (= ds cos∅) तथा विद्युत क्षेत्र की तीव्रता (=E) के गुणा के बराबर होता है, अर्थात
d∅ = E ds cos∅ = E.ds
इसी प्रकार अन्य छोटे-छोटे क्षेत्रफलों से होकर गुजरने वाले फ्लक्स को जोड़कर संपूर्ण पृष्ठ से सम्बध्द वैद्युत फ्लक्स की गणना की जा सकती है। अतः संपूर्ण पृष्ठ से सम्बध्द विद्युत फ्लक्स
∅ = ∑ E.ds = ∫∫s E.ds
यहां ∫∫s चिन्ह प्रष्ठीय समाकलन व्यक्त करता है। इस प्रकार किसी दिये हुए पृष्ठ से सम्बध्द फ्लक्स, उस पृष्ठ पर वैद्युत क्षेत्र E के प्रष्ठीय समाकलन के बराबर होता है। स्पष्टत: विद्युत फ्लक्स का S.I. मात्रक न्यूटन×मीटर²/कूलाम है तथा विमीय सूत्र ML³T⁻³A⁻¹ है।
विद्युत फ्लक्स को प्रभावित करने वाले कारक
- विद्युत क्षेत्र की तीव्रता पर।
- पृष्ठ के क्षेत्रफल पर।
- विद्युत क्षेत्र के सापेक्ष पृष्ठ के झुकाव कोण पर।
विद्युत क्षेत्र के सापेक्ष पृष्ठ का झुकाव प्रदर्शित करने के लिए पृष्ठ पर अभिलंब खींचा जाता है जो उस पृष्ठ के क्षेत्रफल की सदिश की दिशा बताता है। विद्युत क्षेत्र की दिशा तथा पृष्ठ पर खींचे गए अभिलंब के बीच का कोण ∅, इसके झुकाव को व्यक्त करता है।
जब ∅ = 0⁰ अर्थात विद्युत क्षेत्र की दिशा, पृष्ठ पर खींचे गये अभिलंब के अनुदिश होती है तो उस पर से गुजरने वाली क्षेत्र रेखाओं की संख्या अधिकतम होती है, लेकिन जब ∅ = 90⁰ अर्थात विद्युत क्षेत्र की दिशा, पृष्ठ पर खींचे गए अभिलंब से 90⁰ का कोण बनाती है या विद्युत क्षेत्र की दिशा, पृष्ठ के समांतर है, तो उस पृष्ठ से गुजरने वाली क्षेत्र रेखाओ की संख्या शून्य होती है।