हेलो दोस्तों मेरा नाम है भूपेंद्र और आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे। कि धात्विक खनिज तथा अधात्विक खनिज में अंतर क्या है। इसके बारे में हम आपको पूरी जानकारी देंगे ऐसी ही जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट पर जा सकते हैं।
धात्विक खनिज किसे कहते हैं?
वे खनिज पदार्थ जिनमें धातु अंशों की प्रधानता पाई जाती है। उन्हें धात्विक खनिज कहते हैं, लोहा अयस्क, मैग्नीज-अयस्क, क्रोमाइट, पाइराइट, टंगस्टन,निकिल एवं कोबाल्ट सामान्यतः धात्विक खनिज हैं। खानों से निकाले जाने पर इनमें अनेक अशुद्धियों का मिश्रण रहता है अतः प्रयोग करने से पूर्व इनका परिष्करण करना आवश्यक होता है, धात्विक खनिज ताप एवं विद्युत के सुचालक होते हैं।
अधात्विक खनिज किसे कहते हैं?
जिन खनिज पदार्थों में लोहा धातु या धात्विक अंश नहीं पाए जाते हैं, उन्हें अधात्विक खनिज कहते हैं, नाइट्रोजन, पोटाश, अभ्रक, जिप्सम, कोयला व पेट्रोलियम प्रमुख अधात्विक खनिज है। अधात्विक खनिजो में अशुद्धियां बहुत कम होती हैं। अतः के परिष्करण की आवश्यकता नहीं पड़ती है। अधात्विक खनिज ताप एवं विद्युत की कुचालक होते हैं।
मुख्य अंतर
- संवाहकत्व - धात्विक खनिज उच्च ताप और विद्युत् के अच्छे संवाहक होते हैं, जबकि अधात्विक खनिजों में यह गुण नहीं होता।
- चमक - धात्विक खनिजों में एक विशिष्ट चमक होती है, वहीं अधात्विक खनिज अधिकतर चमकरहित होते हैं।
- घनत्व - धात्विक खनिजों का घनत्व अधात्विक खनिजों की तुलना में अधिक होता है।
- उपयोग - धात्विक खनिज मुख्य रूप से धातुओं के उत्पादन में जबकि अधात्विक खनिज औद्योगिक और रासायनिक प्रक्रियाओं में उपयोग होते हैं।
निष्कर्ष
धात्विक और अधात्विक खनिजों के बीच के अंतर को समझना खनन, औद्योगिक उत्पादन, और पर्यावरण प्रबंधन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। इन खनिजों की विशेषताएँ और उपयोगिता उनके आर्थिक महत्व को निर्धारित करती हैं और विभिन्न उद्योगों की जरूरतों को पूरा करती हैं।