हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको एल्कोहाल पीने के हानिकारक प्रभाव के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
हृदय रोग किसे कहते हैं?
आर्ची कोक्रेन ने अपने विश्लेषण में पाया कि शराब ख़ासकर वाइन का सेवन बढ़ाने का हृदय रोग से स्पष्ट रिश्ता है।
कोक्रेन और उनके साथियों ने वर्ष 1979 में पता लगाने की कोशिश की थी कि अलग-अलग लोगों में हृद्य रोग से मौत की दर अलग क्यों है।
उनके मुताबिक शराब बनाने में जिन दूसरे तत्वों का समावेश होता है, उनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट या फिर पौधों के पॉलीफेनॉल फ़ायदेमंद होते हैं।
वर्ष 1986 में शोधकर्ताओं के दल ने अमरीका में 50 हज़ार से ज़्यादा पुरुष डॉक्टरों का सर्वे किया। इसमें उनके खाने-पीने की आदतों, उनके चिकित्सीय इतिहास और स्वास्थ्य की स्थिति पर दो साल तक नजर रखी गई।
इस अध्ययन में पाया गया था कि जो डॉक्टर ज़्यादा शराब पीते थे, उनमें कोरोनरी हार्ट बीमारियां कम होती हैं।
लिवर की परेशानी
लिवर शरीर का ऐसा अंग है जो शरीर से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। लेकिन लंबे समय तक शराब का सेवन करने से इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप उत्पन्न होता है। इसके अलावा, यह लिवर की सूजन और लिवर की बीमारी का कारण भी बनता है। जैसे−जैसे लिवर तेजी से डैमेज होता है, तो आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में कठिन समय लगता है। शराब पीने से आपका लिवर डैमेज होता है। कई बार यह आपकी जान जाने की वजह भी बन सकती है।
अल्कोहल क्या है?
रासायनिक टर्म में अल्कोहल को इथेनॉल (एथिल अल्कोहल) कहा जाता है। यह एक जैव-रासायनिक क्रिया है इसमें जटिल कार्बनिक यौगिक सूक्ष्म सजीवों के माध्यम से सरल कार्बनिक यौगिक में टूट जाते हैं। इस क्रिया को करने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं पड़ती। उदाहरण के लिए, अंगूर से वाइन बनाई जाती है और आलू से वोदका बनाई जाती है।
रासायनिक टर्म से अल्कोहल को समझें तो कार्बनिक यौगिक से एक या एक से अधिक हाइड्रोजन परमाणु का प्रतिस्थापन एक या एक से अधिक -O-H समूह द्वारा कर दिया जाए तो बनने वाले यौगिक अल्कोहल कहलाते है। अल्कोहल एक रंगहीन, गंधहीन और ज्वलनशील तरल पदार्थ है।
शराब को एक साइकोएक्टिव दवा के रूप में भी वर्णित किया गया है। यह एक ऐसी दवा होती है जो मन या मानसिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करती है।
अल्कोहल हमारे व्यवहार और आपके शारीरिक कार्यों को नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित करता है जैसे कि सोचना, बात करना, चलना और यहां तक की सांस लेना भी।