हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको जैव प्रक्रम के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
जैव प्रक्रम किसे कहते हैं?
जीवन को जारी रखने के लिये मॉलिक्युलर स्तर पर गति का होना बहुत जरूरी होता है। किसी भी जीव में हमेशा कई जैविक प्रक्रियाएँ चलती रहती हैं। इन प्रक्रियाओं के कारण किसी सजीव के विभिन्न घटकों का विखंडन होता रहता है।
वैसे घटकों को या तो ठीक करने की जरूरत होती है या उन्हें नये घटकों से बदलने की जरूरत होती है। किसी भी सजीव के घटकों की मरम्मत या उन्हें बदलने के लिये मॉलिक्यूल की जरूरत पड़ती है। इसलिये मॉलिक्यूल की गतिशीलता जीवन को जारी रखने के लिये जरूरी होती है।
किसी भी सजीव में जीवन को जारी रखने के लिये जिन प्रक्रियाओं की अहम जरूरत होती है उन्हें जैव प्रक्रम या लाइफ प्रॉसेस कहते हैं। पोषण, श्वसन, पदार्थों के परिवहन और उत्सर्जन को जैव प्रक्रम की श्रेणी में रखा गया है। प्रजनन को जैव प्रक्रिया की श्रेणी में नहीं रखा जाता है क्योंकि यह किसी भी जीव में जीवन को जारी रखने के लिये आवश्यक नहीं होता है।
पोषण
किसी भी जीव द्वारा भोजन को ग्रहण करने और उसका इस्तेमाल करने की प्रक्रिया को पोषण या न्युट्रिशन कहते हैं। पोषण दो प्रकार के होते हैं; स्वपोषी पोषण और विषमपोषी पोषण।
स्वपोषी पोषण (Autotrophic Nutrition)
पोषण का वह तरीका जिसके द्वारा कोई भी जीव अपना भोजन खुद बनाता है, स्वपोषी पोषण या ऑटोट्रॉफिक न्युट्रिशन कहलाता है। सभी हरे पादप और कई बैक्टीरिया स्वपोषी पोषण करते हैं।
फोटोसिंथेसिस
जिस प्रक्रिया द्वारा हरे पादप अपना भोजन बनाते हैं उसे प्रकाश संश्लेषण कहते हैं। फोटोसिंथेसिस के दौरान, एक हरा पादप कार्बन डाइऑक्साइड और जल लेता है और सूरज की रोशनी से ऊर्जा लेकर कार्बोहाइड्रेट बनाता है। फोटोसिंथेसिस की प्रक्रिया क्लोरोप्लास्ट में होती है और इस प्रक्रिया में क्लोरोफिल अहम भूमिका निभाता है। फोटोसिंथेसिस के बाद बनने वाला कार्बोहाइड्रेट उसके बाद स्टार्च में बदल जाता है और पादप के भविष्य के इस्तेमाल के लिये स्टोर हो जाता है। फोटोसिंथेसिस एक जटिल प्रक्रिया है लेकिन इसे निम्नलिखित समीकरण द्वारा दिखाया जा सकता है।
6CO2 + 12H2O ⇨ C6H12O6 + 6O2 + 6H2O
सजीव अपना भोजन कैसे प्राप्त करते हैं?
किसी भी जीवों को उर्जा की आवश्यकता होती है, तो वे भोजन से प्राप्त करते हैं. परंतु सजीवों में उर्जा प्राप्त करने के तरीके अलग-अलग होते हैं. पेड़ – पौधे तथा कुछ जीवाणु अकार्बनिक श्रोतों से जैसे कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल के रूप में तरल पदार्थ प्राप्त करते हैं।
जिनसे उन्हें उर्जा मिलती है, ऐसे जीव को स्वपोषी कहा जाता है, या यूं कहे कि खुद से बनाये हए भोजन से उर्जा प्राप्त करने वालों को स्वपोषी कहते हैं।
अंग्रेजी में ऐसे जीवों को ऑटोट्रोप्स(Autotrophs) भी कहा जाता है, अंग्रेजी के इस शब्द में “ऑटो” का अर्थ है “खुद(स्वंय) तथा “ट्रॉप्स” का अर्थ होता है “पोषण” . वहीं, दूसरे जीव जंतु यथा मनुष्य, गाय, तथा अन्य जानवर, जिनकी संरचना अधिक जटिल होती हैं।
उर्जा प्राप्ति के लिए जटिल पदार्थों का भोजन के रूप में उपयोग करते हैं. इसे प्राप्त करने के लिए जीव “जैव उत्प्रेरक (Bioactive catalyst)” का उपयोग करते हैं, जिन्हें एंजाइम कहते हैं।
ऐसे जीव विषमपोषी जीव (Heterozygous organisms) कहलाते हैं. ये प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से स्वपोषी पर ही आश्रित होते हैं. अत: जीवों के द्वारा पोषण के लिए आवश्यक उर्जा की प्राप्ति के तरीकों में भिन्नता के आधार पर पोषण को दो भागों में बांटा जा सकता है।
कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
1-जैव प्रक्रम किसे कहते हैं?
उत्तर. यह सभी प्रक्रम जो सम्मिलित रूप से अनुरक्षक का कार्य करते हैं, उन्हें जैव प्रक्रम कहते हैं।
2-एंजाइम किसे कहते हैं?
उत्तर. वे जैव उत्प्रेरक जिनका उपयोग जटिल पदार्थों को सरल पदार्थों में खंडित करने के लिए जीव उपयोग करते हैं, उन्हें एंजाइम कहते हैं।
3-पोषण किसे कहते हैं?
उत्तर. जैविक क्रियाओं का समायोजन जिनके द्वारा प्राणी अपनी क्रियाशीलता को बनाए रखने के लिए तथा अंगों की वृद्धि एवं उनके पुनर्निर्माण के लिए आवश्यक पदार्थों को ग्रहण कर उनका उपयोग करता है पोषण कहलाता है।
4-प्राणी संभोजी जीव किसे कहते हैं?
उत्तर.वे जीव जिनमें पाचन तंत्र पाया जाता है तथा जो भोज्य पदार्थ को अंतर्गत कर के भोजन करते हैं तथा जो भोज्य का अवशोषण करके अप्च्यित भोजन को उत्सर्जित कर देते हैं, प्राणी संभाजी चलाते हैं।
5-शाकाहारी किसे कहते हैं?
उत्तर.वह जीव जो पौधे या पौधों के उत्पादों को भोजन के रूप में ग्रहण करते हैं, शाकाहारी कहलाते हैं।