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हेलो दोस्तों मेरा नाम है भूपेंद्र और आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे रबी एवं खरीफ फसलों में अंतर इसलिए आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें और ऐसी ही जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएं।
रवि तथा खरीफ की फसल में अंतर
यह अंतर निम्न प्रकार से है -
रवि की फसल
- रवि की फसलें नवंबर-दिसंबर में बोई जाती है और मार्च-अप्रैल में काट ली जाती है।
- गेहूं चना, जों,मटर, तिलहन, आदि रबी की प्रमुख फसलें हैं। मूंग एवं उड़द की दलहन फसलें इस ऋतु की प्रमुख फसलें हैं।
- रवि की फसल में उत्तर पश्चिमी भारत में पछुवा चक्रवातो के प्रभाव से कुछ वर्षा हो जाती है जो गेहूं की फसल के लिए बहुत ही लाभदायक होती है।
- रवि की फसलें अवमृदा की नमी पर निर्भर करती है तथा इनका उत्पादन सिंचाई के सहारे किया जाता है।
- रवि की फसलों में खाद्यान्न फसलों की प्रधानता रहती है।
खरीफ की फसल
- खरीफ की फसलें जून-जुलाई मैं बोई जाती है और दिसंबर अक्टूबर में काट ली जाती है।
- चावल, ज्वार बाजरा, मक्का,मूंगफली, जूट एवं कपास खरीफ की प्रमुख फसलें हैं। इस ऋतु में दलहन का उत्पादन भी किया जाता है। अरहर एक दीर्घ अवधि की दलहनी फसल है।
- खरीफ की फसल पूर्ण रूप से वर्षा पर निर्भर करती है। दक्षिण पश्चिमी मानसून की अरब सागरीय शाखा एवं बंगाल की खाड़ी के मानसून द्वारा इस ऋतु में वर्षा होती है।
- यदि वर्षा ऋतु में पर्याप्त वर्षा नहीं होती है तो इन फसलों को भी सिंचाई के सहारे वह जाता है।
- खरीफ की फसलों में नगदी या व्यापारिक फसलों का पराध्यान में रहता है।