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हेलो दोस्तों मेरा नाम भूपेंद्र है। और आज किस आर्टिकल में आपको बताएंगे मोनेरा जगत के बारे में तथा इसके लक्षण और मोनेरा जगत का वर्गीकरण भी इस आर्टिकल में बताएंगे तो आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
मोनेरा जगत किसे कहते हैं?
मोनेरा (Monera) जगत में सभी प्रोकैरिओटिक जीवों को सम्मिलित किया गया है। इस जगत के जीव सूक्ष्मतम तथा सरलतम होते हैं। ऐसा विश्वास किया जाता है कि इस जगत के जीव प्राचीनतम हैं। मोनेरा जगत के जीव उन सभी स्थानों में पाये जाते हैं जहाँ जीवन की थोड़ी भी संभावना मौजूद है, जैसे-मिट्टी, जल, वायु, गर्म जल के झरने (80°C तक), हिमखण्डों की तली, रेगिस्तान आादि में।
मोनेरा जगत के लक्षण
- इसमें सत्य केंद्र का अभाव होता है।
- इसमें झिल्ली युक्त कोशिकांग नहीं पाए जाते हैं। जैसे- माइटोकांड्रिया, लाइसोसोम, केंद्रक।
- इनमें गुणसूत्र नहीं पाए जाते हैं।
- माइक्रो प्लाज्मा को छोड़कर अन्य सभी सदस्यों में कोशिका भित्ति पाई जाती है।
- इनमें भित्तिकाए नहीं पाई जाती है।
- इनमें राइबोसोम 70 S प्रकार का होता है।
- जगत मोनेरा में पोषण विधियों में निवेदिता पाई जाती है।
- कुछ जीव सहजीवी होते हैं जैसे-रेजोबीएम।
- मोनेरा के सदस्यों में वर्गीजनन या अलैंगिक जनन पाया जाता है। इनमें लैंगिक जनन का अभाव होता है।
- कुछ जीव प्रतिकूल वातावरणीय परिस्थितियों जैसे-अत्यधिक गर्म स्थानों पर, वह कुछ दलदली क्षेत्र में पाए जाते हैं। इस प्रकार के जीवन को आर्की बैक्टीरिया कहते हैं।