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पालमपुर गांव में गैर कृषि क्रियाएं

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पालमपुर गांव में गैर कृषि क्रियाएं

पालमपुर गांव में गैर कृषि क्रियाएं

हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको पालमपुर गांव में गैर कृषि क्रियाएं के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो। 

1-पालमपुर गांव में किस प्रकार कृषि की जाती है?

पालमपुर में खेती उत्पादन की मुख्य क्रिया है कार्यकारी जनशक्ति का लगभग 75% भाग कृषि कार्यों में संलग्न है क्योंकि गांव के अंतर्गत भूमि क्षेत्र सीमित है अतः गहन कृषि अपनाने की प्रयास किया जा रहे हैं।

पालमपुर में समस्त भूमि पर खेती की जाती है जुलाई से सितंबर तक ज्वार और बाजरा अक्टूबर से दिसंबर तक आलू और सर्दी के मौसम से गेहूं की खेती की जाती है भूमि के एक भाग में गन्ने की खेती भी की जाती है भूमि के एक भाग में गन्ने की खेती भी की जाती हैं इस प्रकार 1 वर्ष में अधिक फसलें पैदा कर ली जाती है इसे बहुविध फसल प्रणाली में कहां जाते हैं।

पालमपुर में उत्पादन बढ़ाने के लिए आधुनिक कृषि विधियों का प्रयोग भी किया जा रहा है उन्नत किस्म के बीजों नलकूपों द्वारा सिंचाई रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों के प्रयोग के कारण भूमि के उसी टुकड़े मैं पहले की अपेक्षा अधिक मात्रा में उत्पादन होने लगा है गेहूं के उत्पादन में बहुत अधिक वृद्धि हुई है किसानों के पास बाजरा में बेचने को अब गेहूं का अधिशेष भी होने लगा है।

पालमपुर में खेती उत्पादन की मुख्य क्रिया है कार्यकारी जनशक्ति का लगभग 75% भाग कृषि कार्यों में संलग्न है क्योंकि गांव के अंतर्गत भूमि क्षेत्र सीमित है अतः गहन कृषि अपनाने की प्रयास किया जा रहे हैं।

2-पालमपुर गांव में गैर कृषि क्रियाएं

पालमपुर में कार्यशील जनसंख्या का केवल 25% भाग गैर कृषि कार्यों में संलग्न है मुख्य गैर कृषि क्रियाएं निम्नलिखित हैं।

1-डेरी-पालमपुर गांव के लोग भैंस पालते हैं और दूध को निकट के बड़े गांव रायगंज में भी जाते हैं रायगंज में दूध संग्रहण एवं शीतल न केंद्र खुला हुआ है।

2-लघु स्तरीय विनिर्माण-गांव के लगभग 50 लोग विनिर्माण कार्यों में लगी हुई हैं यहां भी निर्माण कार्य छोटे पैमाने पर किया जाता है और उत्पादन विधि बहुत सरल है।

3-कुटीर उद्योग-गांव में गन्ना पेरने
वाली मशीन लगी है यह मशीनें बिजली से चलाई जाती है किसान स्वयं उड़ जाए गणित तथा दूसरों के गन्ना खरीद कर गुण बनाते हैं और सहायपुर और व्यापारी को भेजते हैं।

4-व्यापार कार्य-पालमपुर के व्यापारी शहरों की थोक बाजारों से अनेक प्रकार की वस्तुएं खरीदते हैं तथा उन्हें गांव में लाकर बेचते हैं जैसे चावल गेहूं चाय तेल बिस्किट साबुन आदि भीड़भाड़ वाले इलाकों से खाने-पीने की वस्तुएं भी भेजी जाती है।

5-परिवहन वाहन-पालमपुर के लोग अनेक प्रकार के वाहन चलाते हैं जैसे रिक्शा जीप ट्रैक्टर ट्रक आदि यह वाहन वस्तुओं व यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते हैं और इसके बदले में वाहन चालकों को किराए के रूप में पैसे मिलते हैं।

6-प्रशिक्षण सेवा-पालमपुर गांव में एक कंप्यूटर केंद्र खुला हुआ है इस केंद्र में कंप्यूटर प्रशिक्षण के रूप में दो कंप्यूटर डिग्री धारक महिलाओं भी काम करती हैं पर्याप्त विद्यार्थी कंप्यूटर से सीख हैं।

3-पालमपुर गांव की आर्थिक सामाजिक स्थिति बताइए

पालमपुर एक काल्पनिक गांव है यहां एक मुख्य क्रिया कृषि है। इसके अतिरिक्त अनेक गैर कृषि क्रियाएं जैसे लघु स्तरीय मिनिमम दिल्ली परिवहन आदि सीमित स्तर पर की जाती है पालमपुर गांव आस पड़ोस के गांव से भलीभांति जुड़ा हुआ है विभिन्न प्रकार के वाहन गांव में उत्पादित माल को निकट 10 कस्बों व शहरों तक ले जाते हैं। गांव में विभिन्न जातियों के लगभग 450 परिवार रहते हैं जिनमें अधिकांश निम्न जाति के हैं गांव में 2 प्राथमिक विद्यालय एक हाई स्कूल एक राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एक निजी औषधालय है।