हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको 3r के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
3r क्या है?
तीन R का मतलब होता है REDUCE(कम उपयोग), RECYCLE(पुन: चक्रण) , REUSE(पुन: उपयोग) । इस नियम का उपयोग करने पर हम पर्यावरण में बढ़ रहे अपशिष्ट को कम कर सकते है और इनसे हो रहे पर्यावरण को नुकसान से भी बचा जा सकता है।
यही नहीं हम दैनिक आवश्यकताओं और क्रियाकलापों पर निर्णय लेते समय भी हम पर्यावरण संबंधी निर्णय ले सकते हैं। इसके लिए हमें यह जानने की आवश्यकता है कि कोई वस्तु पर्यावरण पर किस प्रकार निर्भर करती है तथा इसका उपयोग करने पर पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ सकता है तथा ये प्रभाव तात्कालिक,दीर्घकालिक अथवा व्यापक हो सकते हैं।
1. कम उपयोग
इसका अर्थ है कि आपको कम से कम वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए। आप बिजली के पंखे एवं बल्ब का स्विच बंद करके बिजली बचा सकते हैं। आप टपकने वाले नल की मरम्मत करके जल की बचत कर सकते हैं। आपको आहार व्यर्थ नहीं करना चाहिए। क्या आप कुछ अन्य वस्तुओं के विषय में सोच सकते हैं, जिनका उपयोग कम किया जा सकता है?
2. पुनः चक्रण
इसका अर्थ है कि आपको प्लास्टिक, कागज, कांच धातु की वस्तुएं बनानी चाहिए। जब तक अति आवश्यक ना हो इनका नया उत्पादन संश्लेषण विवेकपूर्ण नहीं है।
इनके पुनः चक्रण के लिए पहले हमें अप द्रव्यों को अलग करना होगा जिससे कि पुनः चक्रण योग्य वस्तुएं दूसरे कचरे के साथ भराव क्षेत्र में ना फेंक दी जाए। क्या आपके गांव, कस्बे अथवा नगर में ऐसा कोई प्रबंध है जिससे इन पदार्थों का पुनः चक्रण किया जा सके।
3. पुनः उपयोग
यह पुनः चक्रण से भी अच्छा तरीका है क्योंकि पुनः चक्रण मैं कुछ ऊर्जा व्यय होती है। पुनः उपयोग के तरीके में आप किसी वस्तु का बार-बार उपयोग करते हैं। लिफाफा के फेंकने की अपेक्षा आप फिर से उपयोग में ला सकते हैं।
विभिन्न खाद्य पदार्थों के साथ आई प्लास्टिक को बोतलें, डिब्बे इत्यादि का उपयोग में रसोई घर में वस्तुओं को रखने के लिए किया जा सकता है। अन्य कौन सी वस्तुएं हैं जिन्हें हम पुनः उपयोग में ला सकते हैं।