Cart (0) - ₹0
  1. Home
  2. / blog
  3. / phosphorus-kya-hai

फास्फोरस क्या है? | फायदे | नुकसान

फास्फोरस क्या है? | फायदे | नुकसान

फास्फोरस क्या है? इसके फायदे और नुकसान व कार्य- फास्फोरस की खोज सर्वप्रथम हेमबर्ग के ब्रांड नामक वैज्ञानिक ने सन् 1669 में वाष्पित मूत्र को बालू के साथ आसवित कर फास्फोरस प्राप्त किया था।

फास्फोरस क्या है?

फास्फोरस एक अभिक्रियाशील तत्व है इस कारण ये मुक्त अवस्था में नहीं पाया जाता है। कुछ खनिजों में धातुओं के फास्फेट मिलते हैं। पशुओं की हड्डियों में 56% कैल्शियम फास्फेट पाया जाता है और जंतुओं तथा पौधों के लिए यह एक अनिवार्य तत्व है तथा इसका अस्तित्व कई जैव अवयवों में मिलता है। फास्फोरस का परमाणु संख्या 15 और परमाणु भार 30 होता है। तो आप जान गए होंगे कि फास्फोरस क्या है।

फसलों के लिए फास्फोरस का महत्व

फास्फोरस देने के लिए भारत में डाई-अमोनियम फास्फेट यानी DAP जिसे किसान डाया भी कहते हैं या सिंगल सुपर फास्फेट या NPK खाद काम में लिया जाता है।

क्यों जरूरी है फास्फोरस

पौधों में प्रकाश संश्लेषण, श्वसन क्रिया, ऊर्जा संरक्षण व कोशिका विभाजन व अन्य कई क्रियाओं में फास्फोरस की विशेष भूमिका है।

जड़ों के विकास, तनों की मजबूती, फूल व बीज बनने में, फसलों के पकाव में शीघ्रता, दलहनी फसलों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण व पौधों के पूर्ण विकास में फास्फोरस का अहम योगदान रहता है।

फास्फोरस की कमी उन भूमियों में पाई जाती है जिनमें जीवांश कम हो या जमीन रेतीली, अम्लीय या क्षारीय हो।

फास्फोरस एक अभिक्रियाशील तत्व है इस कारण ये मुक्त अवस्था में नहीं पाया जाता है। कुछ खनिजों में धातुओं के फास्फेट मिलते हैं।

भूमि का PH मान 6 से 7 के बीच होने पर फास्फोरस की उपलब्धता सबसे अधिक होती है। PH मान 8 से अधिक होने पर भूमि में कैल्शियम के साथ बंधकर फास्फोरस की पौधों की उपलब्धता कम हो जाती है।

भूमि का PH मान कम होने पर यह तत्व एलुमिनियम और लोह तत्व के साथ बंध जाता है और पौधों को नहीं मिलता है।

मिट्टी की जांच कराने पर यदि उपलब्ध फास्फोरस की मात्रा 11 से 22 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है तो ये मध्यम माना जाएगा 11 से कम होने पर निम्न और 22 से अधिक हो तो उच्च माना जाएगा।

ध्यान रखने योग्य बातें

  1. जब फास्फोरस खाद का उपयोग करें तो भूमि में उसे इस तरह डालें कि वो पौधों के जड़ क्षेत्र में रहे।
  2. बीज से दो-ढाई इंच नीचे और साइड में फास्फोरस दिया जाए तो पौधों की जड़ों को फास्फोरस आसानी से मिल जाएगा। सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल या पोरा-केरा विधि से फास्फोरस की खाद देना लाभकारी रहता है।
  3. भूमि में फास्फोरस की उपलब्धता घटने का मतलब है कि पानी में घुलनशील जो फास्फोरस तत्व खाद मे होते हैं वो फिर से अन्य तत्वों के साथ बंधकर अघुलनशील हो जाते हैं। फास्फोरस के जीवाणु खाद PSB यानी फास्फेट सालुबलाइजिंग बैक्टीरिया खेत में डालने से उर्वरक फास्फोरस व भूमि का फास्फोरस घुलनशील अवस्था में पौधों को उपलब्ध हो जाता है।
  4. सिंगल सुपर फास्फेट, DAP, NP/NPK के अलावा यूरिया फास्फेट, मोनो पोटेशियम फास्फेट और मोनो अमोनिया फास्फेट जैसे पानी में शत-प्रतिशत घुलनशील खाद भी उपलब्ध है जिन्हें ड्रिप इरीगेशन और हाइड्रोपोनिक्स मे काम में लिया जाता है।
  5. अम्लीय भूमि में रॉक फॉस्फेट का भी सीधा उपयोग किया जा सकता है। सामान्य भूमि में रॉक फास्फेट का उपयोग करना हो तो जैविक खाद और जैव उर्वरक के साथ करना होगा।

फास्फोरस क्यों जरूरी है शरीर के लिए

फास्फोरस क्या है और यह हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी क्यों होता है तो जानते हैं। फास्फोरस एक ऐसा तत्व है जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी होता है तथा शरीर में इसकी मात्रा बराबर रहे तो शरीर ठीक से काम करता है इसकी कमी होने पर शरीर को कई नुकसान होने लगते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि एक व्यक्ति को अपने बेहतर स्वास्थ्य के लिए रोजाना 700 मिलीग्राम फास्फोरस की आवश्यकता होती है।

सबसे अच्छी बात यह है कि इसे प्राप्त करने के स्रोत भी बहुत सारे हैं। शाकाहारी और मांसाहारी दोनों के पास फास्फोरस को प्राप्त करने के भरपूर स्रोत होते हैं। फास्फोरस ही एक ऐसा तत्व है जिससे इंसान की किडनी बेहतर काम करती है सिर्फ यही नहीं हड्डियों और दांतों की मजबूती के लिए यह तत्व बहुत जरूरी होता है।

अंतिम निष्कर्ष- आज मैंने आपको बताया कि फास्फोरस क्या है और यह किस काम में आता है और इंसान के लिए यह क्यों लाभदायक होता है। अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आती है तो इसे अपनों में जरूर शेयर करें और तुरंत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन अवश्य करें जी धन्यवाद।